नेपाल के बाद फ्रांस में हिंसक प्रदर्शन, लाखों लोग सड़क पर उतरे, 200 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

नेपाल के बाद अब फ्रांस भी जबरदस्त हिंसा और विरोध प्रदर्शनों की चपेट में आ गया है। बुधवार को हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। कई शहरों में आगजनी, सड़क जाम और पुलिस पर हमले की घटनाएं सामने आईं। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की।यह प्रदर्शन राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर दबाव बनाने और उनकी नई प्रधानमंत्री को राजनीतिक तौर पर घेरने की कोशिश के रूप...............

नेपाल के बाद फ्रांस में हिंसक प्रदर्शन, लाखों लोग सड़क पर उतरे, 200 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

नेपाल के बाद अब फ्रांस भी जबरदस्त हिंसा और विरोध प्रदर्शनों की चपेट में आ गया है। बुधवार को हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। कई शहरों में आगजनी, सड़क जाम और पुलिस पर हमले की घटनाएं सामने आईं। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की।यह प्रदर्शन राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर दबाव बनाने और उनकी नई प्रधानमंत्री को राजनीतिक तौर पर घेरने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

200 से ज्यादा लोग हिरासत में
फ्रांस के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो ने बताया कि प्रदर्शन की शुरुआत के शुरुआती घंटों में ही करीब 200 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन देशभर में तेजी से फैल गया और हालात को काफी हद तक बिगाड़ दिया।गृह मंत्री ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की योजना थी “सबकुछ बंद करने” की, लेकिन सुरक्षाबलों की सख्त कार्रवाई के चलते वे अपने मकसद में पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाए।

सुरक्षाबलों की भारी तैनाती
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बुधवार को करीब 80 हजार सुरक्षाबलों की तैनाती की गई। पुलिस ने कई शहरों में लगे बैरिकेड हटाए और तेजी से गिरफ्तारियां कीं। पश्चिमी शहर रेन (Rennes) में प्रदर्शनकारियों ने एक बस को आग के हवाले कर दिया। वहीं, दक्षिण-पश्चिमी इलाके में बिजली की लाइन को नुकसान पहुंचने से रेल सेवा बाधित हो गई। गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ प्रदर्शनकारी देश में “विद्रोह जैसा माहौल” बनाने की कोशिश कर रहे हैं।विशेषज्ञों का कहना है कि यह विरोध केवल सरकार की नीतियों के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह जनता में बढ़ते असंतोष का संकेत है। फिलहाल फ्रांस सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती हालात को सामान्य करने और जनभावनाओं को शांत करने की है।