बिहार चुनाव को लेकर एक्टिव मोड में कांग्रेस,पटना के इस होटल में बुलाई आपात बैठक, सभी विधायकों को अनिवार्य रूप से शामिल होने का निर्देश
बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक हलचलें तेज़ हो गई हैं। महागठबंधन के संयोजक तेजस्वी यादव की बैठक के बाद अब कांग्रेस पार्टी भी अपने सियासी पत्ते खोलने की तैयारी में है। पार्टी ने अपने सभी विधायकों को 15 जून, शाम 7 बजे, पटना स्थित होटल मौर्या में होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक में अनिवार्य रूप से शामिल होने का निर्देश दिया....

बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक हलचलें तेज़ हो गई हैं। महागठबंधन के संयोजक तेजस्वी यादव की बैठक के बाद अब कांग्रेस पार्टी भी अपने सियासी पत्ते खोलने की तैयारी में है। पार्टी ने अपने सभी विधायकों को 15 जून, शाम 7 बजे, पटना स्थित होटल मौर्या में होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक में अनिवार्य रूप से शामिल होने का निर्देश दिया है।
विधायकों को जमीनी स्तर पर सक्रिय भूमिका निभाने की जिम्मेदारी
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे का प्रारूप तय करना है। कांग्रेस विधायकों से चर्चा के बाद तेजस्वी यादव के सामने सीट शेयरिंग का प्रस्ताव रखेगी।इसके अलावा बैठक में पार्टी की प्रमुख योजनाओं — विशेषकर "माई बहिन योजना" — को धरातल पर लागू करने की रणनीति पर भी चर्चा होगी। विधायकों को जमीनी स्तर पर सक्रिय भूमिका निभाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
प्रदेश प्रभारी मुख्य रूप से विधायकों से रू ब रू होंगे
बैठक में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, कई वरिष्ठ नेता और संभावित तौर पर केंद्रीय नेतृत्व से जुड़ी कुछ अहम हस्तियां मौजूद रहेंगी। कांग्रेस हाईकमान की ओर से राहुल गांधी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सभी विधायक और नेता जनता के बीच जाकर जमीनी मुद्दों को समझें । पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में प्रदेश प्रभारी मुख्य रूप से विधायकों से रू ब रू होंगे। बता दें कि बिहार में महागठबंधन की रणनीति धीरे-धीरे आकार ले रही है। जहां एक ओर तेजस्वी यादव चुनावी समीकरण को साधने में लगे हैं, वहीं कांग्रेस भी संगठित रूप में सीटों की दावेदारी और नीतिगत एजेंडा को लेकर पूरी तैयारी में दिख रही है। 15 जून की बैठक के बाद महागठबंधन के भीतर सीटों को लेकर स्थिति काफी हद तक स्पष्ट हो सकती है।