अररिया के सरकारी स्कूल में बच्चो के खाने में मिला साप का बच्चा ,जानिये क्या है पूरी ख़बर?
अररिया से एक बड़ा मामला सामने आया है | जहां स्कूल का मध्यान भोजन खाने से करीब सौ बच्चे बीमार पड़ गए हैं। मामला फारबिसगंज अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत जोगबनी स्थित उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय अमोना स्कूल का है। दरअसल स्कूल में बच्चों को मध्यान भोजन में खिचड़ी दी गई थी। कुछ बच्चों ने खिचड़ी खा भी ली थी। परोसे गए खिचड़ी में जब छोटे-छोटे सांप नजर आए जिससे बच्चों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जिन्होंने मध्यान भोजन किया था उन सब की हालत बिगड़ने लगी। जैसे ही इसकी सूचना जोगबनी थाना को मिली वो दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। साथ ही फारबिसगंज एसडीओ और एसडीपीओ को सूचना मिली, उन्होंने मौके पर पहुंचकर सबसे पहले बीमार बच्चों को अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज भिजवाया। इस घटना की सूचना के बाद आसपास के ग्रामीण और अभिभावक भारी संख्या में स्कूल के पास पहुंचकर हंगामा करने लगे हैं। कुछ लोगों ने स्कूल के प्रधानाध्यापक के साथ भी मारपीट की है। जबकि यह खाना स्कूल में नहीं बना था और सप्लायर के द्वारा पहुंचाया गया था। सभी अभिभावक अपने बच्चों के हालत की जानकारी लेने स्कूल में घुसना चाह रहे थे। इससे हंगामा और बढ़ गया कुछ बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया। कुछ अभिभावक अस्पताल भागे चले गए। स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। अस्पताल में बच्चों का इलाज जारी है। मिली जानकारी के अनुसार स्कूल अभिभावकों को एसडीओ सुरेंद्र अलबेला समझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इनका कहना है कि मामला की जांच उच्चस्तरीय पर की जाएगी साथ ही इस घटना में जो भी जिम्मेदार होंगे उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि यह मामला सरासर लापरवाही और अनदेखी किए जाने का है। उन्होंने यह भी बताया कि यह सांप के बच्चे मध्यान भोजन में कैसे आए यह आश्चर्य की बात है। ताकि उसके अच्छे तरीके से जांच की जा सके और घटना की स्थिति स्पष्ट हो सके। बताया गय है कि अफवाह फैल गई थी कि करीब सौ बच्चे बीमार हुए थे। लेकिन फिलहाल 25 ही बच्चों की तबीयत बिगड़ी थी। फारबिसगंज अस्पताल में उन सभीका इलाज चल रहा है और स्थिति बेहतर है। मौके पर मौजूद अमोना पंचायत के पूर्व मुखिया मुन्ना खान ने बताया कि इसमें स्कूल का कोई दोष नहीं है। खाना बाहर कॉन्टैक्टर के द्वारा सप्लाई किया जाता है। उसी में सांप निकला है। अस्पताल में बच्चो का इलाज चल रहा और बच्चो की सेहत भी अभी बेहतर बताई जा रही है |
रिपोर्ट -सान्या राज पाण्डेय