छठ महापर्व का दूसरा दिन आज: खरना पूजा में बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग, शाम 5:35 से 8:22 बजे तक विशेष मुहूर्त
लोक आस्था के महापर्व छठ का आज दूसरा दिन है। कार्तिक शुक्ल पंचमी पर आज खरना पूजा विधिवत रूप से संपन्न की जाएगी। रविवार को पड़ रहे इस शुभ दिन पर ज्येष्ठा और मूल नक्षत्र में रवियोग और...
लोक आस्था के महापर्व छठ का आज दूसरा दिन है। कार्तिक शुक्ल पंचमी पर आज खरना पूजा विधिवत रूप से संपन्न की जाएगी। रविवार को पड़ रहे इस शुभ दिन पर ज्येष्ठा और मूल नक्षत्र में रवियोग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है, जिससे पूजा का महत्व और भी बढ़ गया है।आज व्रती पूरे दिन निर्जल व्रत रखकर संध्या बेला में भगवान भास्कर और छठी मइया की पूजा करेंगे। इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे के कठोर निर्जला उपवास का संकल्प लेंगे। वहीं खरना पूजा का शुभ मुहूर्त संध्या 5:35 बजे से रात 8:22 बजे तक रहेगा।
आम की लकड़ी से बनेगा प्रसाद
बता दें कि खरना के अवसर पर व्रती घर में मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से खीर और रोटी बनाते हैं। शाम को इस प्रसाद को सूर्य देव और छठी मइया को भोग लगाकर स्वयं प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इसी के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास आरंभ हो जाता है।
भक्ति और पवित्रता का संगम
बता दें कि खरना पूजा के दौरान घरों में शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है।व्रती और परिजन पारंपरिक लोकगीतों के साथ प्रसाद तैयार करते हैं।इस दौरान पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्री में सिंदूर, चावल, बांस की टोकरी, धूप, गंगाजल, शकरकंद, पत्ता लगा गन्ना, नारियल, हल्दी, सुपारी, कपूर, पान, दीपक और घी शामिल होते हैं।छठ के मुख्य प्रसाद ठेकुआ का भी विशेष महत्व है, जिसे श्रद्धा और भक्ति के साथ तैयार किया जाता है।
छठी मइया के गीत गूंज रहे हैं
छठ महापर्व के चतुर्थ दिवसीय अनुष्ठान के तहत दूसरे दिन खरना के प्रसाद में ईख के कच्चे रस, गुड़ के सेवन से त्वचा रोग, आंख की पीड़ा, शरीर के दाग-धब्बे समाप्त हो जाते है। वही इसके प्रसाद से तेजस्विता, निरोगता और बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है।छठ महापर्व का खरना न केवल व्रतियों की भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह संयम, शुद्धता और आध्यात्मिक अनुशासन का संदेश भी देता है।आज पूरे बिहार और पूर्वांचल में घर-घर से छठी मइया के गीत गूंज रहे हैं और भक्ति का माहौल चरम पर है।
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