छठ महापर्व 2025: नहाय-खाय से शुरू, पटना के 13 घाटों पर अर्घ्य देने से रोक,550 पर विशेष व्यवस्था
लोकआस्था और श्रद्धा का प्रतीक छठ महापर्व आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है।चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व सूर्य देव और छठी मइया की आराधना का सबसे पवित्र उत्सव म..
लोकआस्था और श्रद्धा का प्रतीक छठ महापर्व आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है।चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व सूर्य देव और छठी मइया की आराधना का सबसे पवित्र उत्सव माना जाता है।आज व्रती पवित्र नदी या तालाब में स्नान कर शुद्ध सात्विक भोजन कद्दू-भात और चना दाल — ग्रहण करते हैं।यही दिन व्रत की पवित्र शुरुआत का प्रतीक होता है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है।
सूर्य उपासना का पर्व
चार दिनों तक चलने वाले इस व्रत में व्रती सूर्य देव को अस्ताचल और उगते समय अर्घ्य अर्पित करते हैं।यह पर्व शुद्धता, आत्मसंयम और भक्ति का अनूठा संगम है।
पटना में प्रशासन की विशेष तैयारी
वहीं छठ पर्व को लेकर पटना जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष इंतज़ाम किए हैं।प्रशासन ने 13 घाटों को असुरक्षित घोषित करते हुए वहां अर्घ्य देने पर रोक लगा दी है।
जिन घाटों पर अर्घ्य देने पर रोक
प्रशासन द्वारा जारी सूची के अनुसार, जिन घाटों को खतरनाक या अनुपयुक्त घोषित किया गया है, उनमें शामिल हैं -बुद्धा घाट, राजापुर पुल घाट, नया पंचमुखी चौराहा घाट, पहलवान घाट, कंटाही घाट, बांस घाट, गुलबी घाट, अदालत घाट, टी.एन. बनर्जी घाट, अदरख घाट, जजेज घाट, मिश्री घाट और बुंदेल टोली घाट।बता दें कि इनमें से 6 घाट अत्यंत खतरनाक और 7 घाट अनुपयुक्त श्रेणी में रखे गए हैं।
550 घाटों पर अर्घ्य देने की व्यवस्था
जानकारी के लिए बता दें कि पटना में व्रती गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के 550 घाटों पर अर्घ्य दे सकेंगे।इसके अलावा पार्कों और तालाबों में भी छठ व्रतियों के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं। इतना ही नहीं पटना नगर निगम क्षेत्र में 200 से अधिक स्थानों पर अर्घ्य देने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्थाएँ
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक इंतज़ाम किए हैं —
* 400 अस्थायी चेंजिंग रूम
*552 अस्थायी शौचालय
* 450 अस्थायी यूरिनल
*171 वॉच टावर निगरानी के लिए
*50 पानी के टैंकर और 37 चापाकल
* 13 यात्री शेड
*112 कंट्रोल रूम













