केंद्र सरकार ने कई अहम सरकारी संस्थानों और भवनों के नाम बदलने की घोषणा की,सेवा तीर्थ' के नाम से जाना जाएगा PMO
— केंद्र सरकार ने अहम फैसला करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम बदलकर सेवा तीर्थ कर दिया है। साथ ही देश भर के राज-भवनों को अब लोक भवन और केंद्रीय सचिवालय को कर्तव्य भवन नाम से जाना जाएगा। सरकार का कहना है कि यह सिर्फ नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि सत्ता के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव का प्रतीक है। अब प्रशासन स....
नई दिल्ली — केंद्र सरकार ने अहम फैसला करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम बदलकर सेवा तीर्थ कर दिया है। साथ ही देश भर के राज-भवनों को अब लोक भवन और केंद्रीय सचिवालय को कर्तव्य भवन नाम से जाना जाएगा। सरकार का कहना है कि यह सिर्फ नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि सत्ता के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव का प्रतीक है। अब प्रशासन सत्ता से सेवा की ओर बढ़ेगा।
‘सेवा तीर्थ’ में शिफ्ट होने की तैयारी
बता दें कि दशकों से दक्षिण ब्लॉक में संचालित हो रहा पीएमओ अब नए परिसर ‘सेवा तीर्थ’ में शिफ्ट होने की तैयारी में है। नया कार्यालय सेवा तीर्थ-1 में बनाया गया है, जो वायु भवन के पास निर्मित एक आधुनिक और सुरक्षित सरकारी कॉम्प्लेक्स का हिस्सा है।‘सेवा तीर्थ’ परिसर में कुल तीन हाई-टेक इमारतें बनाई गई हैं।सेवा तीर्थ-2 में कैबिनेट सचिवालय शिफ्ट होगा। सेवा तीर्थ-3 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का कार्यालय स्थापित किया जाएगा।
जिसे 2016 में बदला गया था
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया था। वहीं प्रधानमंत्री आवास अब लोक कल्याण मार्ग कहलाता है। पहले पीएम का आधिकारिक निवास रेस कोर्स रोड कहलाता था, जिसे 2016 में बदला गया था।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल राज्यपालों के सम्मेलन में हुई एक चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि राज भवन नाम औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। इसलिए राज्यपालों और उप-राज्यपालों के कार्यालयों को अब लोक भवन और लोक निवास के नाम से जाना जाएगा।













