शारदीय नवरात्रि आज से शुरू, जानिए कैसे करें कलश स्थापना?, कब हैं शुभ मुहूर्त?

शारदीय नवरात्रि आज से शुरू, जानिए कैसे करें कलश स्थापना?, कब हैं शुभ मुहूर्त?

DESK : आज से शारदीय नवरात शुरू हो गया है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है, फिर माता के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है. माता को भोग अर्पित करते हैं. इसके बाद मां को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ और दुर्गा आरती की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर करना चाहिए.

 

इस बार शादी नवरात्र पर कलश स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त है. जिसमें एक सुबह का है जबकि दूसरा अभिजीत शुभ मुहूर्त है. इन दोनों ही मुहूर्त में कलश स्थापना करते हुए पूजा संपन्न करनी चाहिए, लेकिन आपको आज राहुकाल के समय को भी ध्यान में रखना चाहिए. क्योंकि राहुकाल में कोई भी शुभ काम की शुरुआत करना अच्छा नहीं माना जाता है. आज राहुकाल का समय दोपहर 1:37 से 15:05 तक रहेगा. ऐसे में अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करते हुए पूजा करें. सबसे पहले आप यह समझ की नवरात्रि घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:02 से लेकर 7:07 तक है वहीं नवरात्रि अभिजीत शुभ मुहूर्तसुबह 11:46 से लेकर दोपहर 12:33 तक है.

 

अब जानिए की कलश स्थापना में पूजा सामग्री क्या-क्या आपके पास होना चाहिए तो सबसे पहले 7 तरह के अनाज, मिट्टी का बर्तन, मिट्टी, कलश, गंगाजल या सादा जल, आम,अशोक या पान के पत्ते, सुपारी, सूत, मौली, एक जटा वाला नारियल, माता की चुनरी, अक्षत, केसर, कुमकुम, लाल रंग का साफ कपड़ा, फूल-माला इन्हीं सब का इस्तेमाल कर आप आज कलश स्थापना की पूजा को संपन्न करें.

 

आपको बता दें, नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए- नवरात्रि में घर में स्वस्तिक भोजन ही बनना चाहिए, नवरात्रि पर खाने में मांसाहार लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं करना चाहिए, नवरात्रि के दिनों में अगर अपने घर में कलश स्थापना किया है तो घर को खाली छोड़कर नहीं जाना चाहिए, नवरात्रि पर दाढ़ी नाखून और बाल नहीं कटवाना चाहिए, नवरात्रि पर बेवजह किसी से बात विवाद नहीं करना चाहिए.

नवरात्रि में आप अखंड ज्योति जरूर जलाएं, देवी मां का प्रतिदिन जल अर्पित करें, देवी मां को प्रतिदिन जल अर्पित करें, नवरात्रि पर हर रोज मंदिर जाये, नौ दिनों तक देवी दुर्गा की विशेष पूजा और श्रृंगार करें,  नवरात्रि पर 9 दिनों तक रखे उपवास, अष्टमी-नवमी तिथि पर विशेष पूजा और कन्या पूजन करें.

REPORT - KUMAR DEVANSHU