राज्य में DL और RC को लेकर बड़ा फैसला, परिवहन विभाग ने कसा शिकंजा
राज्य में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीयन से जुड़े लंबित मामलों को लेकर परिवहन विभाग ने सख्त रुख अपना लिया है। परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि लंबित आवेदनों के निष्पादन में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आम जनता को हो रही असुविधा को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी मामलों का निपटारा निर्धारित....
राज्य में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीयन से जुड़े लंबित मामलों को लेकर परिवहन विभाग ने सख्त रुख अपना लिया है। परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि लंबित आवेदनों के निष्पादन में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आम जनता को हो रही असुविधा को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी मामलों का निपटारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर सुनिश्चित किया जाए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हुई विस्तृत समीक्षा
इसी क्रम में सोमवार को शाम चार बजे परिवहन विभाग की उच्चस्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आयोजित की गई। बैठक में राज्यभर में लंबित मामलों की स्थिति की गहन समीक्षा की गई और यह भी परखा गया कि अब तक परिवहन मंत्री के निर्देशों पर क्या-क्या कार्रवाई की गई है। सभी जिलों के परिवहन अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र की अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत की।
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ई-रिक्शा के पंजीयन और संचालन पर फोकस
बता दें कि बैठक में ई-रिक्शा के पंजीयन और उनके संचालन को लेकर भी गंभीर चर्चा हुई। कई जिलों के अधिकारियों ने नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश की मांग की। अधिकारियों का कहना था कि दिशा-निर्देश मिलते ही बिना नियमों के सड़कों पर चल रहे ई-रिक्शा के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा। इतना ही नहीं शोरूम से बिना नंबर प्लेट के निकलने वाले वाहनों को लेकर परिवहन सचिव ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे शोरूम संचालकों की पहचान कर उनके विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाए।
बीमा बना पंजीयन में सबसे बड़ी बाधा
अधिकारियों ने बैठक में यह भी बताया कि ई-रिक्शा पंजीयन में सबसे बड़ी समस्या बीमा प्रमाण पत्र को लेकर सामने आ रही है। एक वर्ष से अधिक पुराने मामलों में बीमा कराया जाना कठिन हो रहा है। इसके अलावा कई मामलों में शोरूम बंद हो जाने के कारण भी पंजीयन प्रक्रिया अटकी हुई है।परिवहन विभाग ने साफ किया है कि जिन ई-रिक्शा का न तो बीमा है और न ही पंजीयन कराया गया है, उनके खिलाफ शीघ्र ही कठोर कार्रवाई की जाएगी। विभाग का उद्देश्य केवल लंबित मामलों का निपटारा करना नहीं, बल्कि सड़कों पर सुरक्षित, अनुशासित और नियमों के अनुरूप वाहन संचालन सुनिश्चित करना है।













