पटना में किन्नर समुदाय ने रेस्टोरेंट खोला "सतरंगी दोस्ताना" नाम के इस रेस्तरां में सारे कर्मी कोंगे किन्नर

पटना में किन्नर समुदाय  ने रेस्टोरेंट खोला  "सतरंगी दोस्ताना" नाम के इस रेस्तरां में सारे कर्मी कोंगे किन्नर

पटना डेस्क : पटना में किन्नर समुदाय के लोगो ने रेस्टोरेंट खोला है जिसका नाम 'सतरंगी दोस्ताना' रखा गया है। इस रेस्तरा की खास बात यह है कि इसे पूरे तरीके से किन्नरों के द्वारा संचालित किया जाएगा। यहां के सारे कर्मी किन्नर ही होंगे। किन्नरों के द्वारा खोला गया यह बिहार का पहला रेस्टोरेंट है। सभ्य समाज में किन्नर समुदाय को बराबरी का दर्जा नहीं मिला है ऐसे में यह पहल बेहद अद्भुत माना जा रहा है बताया जा रहा है कि बिहार में किन्नरों के द्वारा संचालित होने वाला यह पहला प्रतिष्ठान होगा, ऐसे में किन्नर समुदाय के लोगों के लिए रोजगार का भी अवसर बढ़ेगा।

पटना के गांधी मैदान स्थित मोना सिनेमा के पीछे खुले इस रेस्टोरेंट की चर्चा भी खूब है। बतादें कि, पटना नगर निगम की तरफ से रेस्तरा खोलने के लिए जमीन दी गई है जिसको बहुत बेहतर अंदाज में डिजाइन किया गया है। रेस्टोरेंट संचालक रेशमा ने बताया कि पहली मंजिल पर फेमिली के बैठने का इंतजाम किया गया है जहां अपने परिवार के साथ विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का आनंद ले सकेंगे। वही दूसरी मंजिल पर खुले आसमान के नीचे विभिन्न प्रकार के फूलों से सुसज्जित बाग़ में बैठकर डिशेज का आनंद ले सकेंगे। रेशमा ने बताया कि हमारे यहां आप पार्टियां भी कर सकते हैं। इस रेस्तरा में इंडियन और चाइनीज दोनों ही तरह के व्यंजन मिलेंगे।

रेशमा बताती हैं कि रेस्टोरेंट खोलने की मेरी दिली तमन्ना थी जो अब पूरी हो रही है मैं बहुत खुश हूं। लम्बे अर्से से मैंने सपना देखा था जो अब पूरी हो रही है लेकिन जिस तरीके से हमारे किन्नर समाज को सभ्य समाज के लोग बराबरी का दर्जा नहीं देते हैं ये मेरे लिए चुनौती का विषय होगा मैंने समाज के बदलते दौर-ए-मिजाज को देखते हुए एक नया कदम बढाया है जो हमारे समाज को बेहतर जिंदगी देगा हम चाहते हैं कि आप सभ्य समाज के मेरे भाई बहन हमारा हौसला अफजाई करें ताकि हम सफल हों रेशमा ने भारी मन से कहा हम उन्ही मां बाप के बच्चे हैं जिन्हों ने आपको दुनिया बख्शी है लेकिन हम थोड़े आपसे अलग पैदा हुए तो अलग परवरिश मिली और हमें बराबरी का दर्जा नहीं दिया जाता। रेशमा ने कहा, किन्नर सिर्फ ताली ठोक कर माँगने के लिए ही नहीं पैदा हुए हैं हमें सभ्य समाज के लोग अपनाए और मौक़ा दें तो हम भी हर चुनौतियों को जीत सकते हैं। यह गैरबराबरी को खतम करने का बहुत बड़ा मौका है।

रिपोर्ट : कुमार कौशिक