बिहार में बेखौफ अपराधी: पटना के धनरूआ में वार्ड सदस्य के पति को मारी गोली, NMCH में चल रहा इलाज
बिहार में अपराधियों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। ताजा मामला पटना जिले के धनरूआ प्रखंड के सोनमई पंचायत का है, जहां शनिवार की रात वार्ड सदस्य नीतू कुमारी के पति 28 वर्षिय गौतम कुमार उर्फ सोनू को अज्ञात अपराधियों ने गोली मार दी। यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था की पोल खोलती है, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल..............
बिहार में अपराधियों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। ताजा मामला पटना जिले के धनरूआ प्रखंड के सोनमई पंचायत का है, जहां शनिवार की रात वार्ड सदस्य नीतू कुमारी के पति 28 वर्षिय गौतम कुमार उर्फ सोनू को अज्ञात अपराधियों ने गोली मार दी। यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था की पोल खोलती है, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
अपराधी मौके से फरार
जानकारी के अनुसार, गौतम कुमार अपने ट्रैक्टर से सीमेंट गिराकर घर लौट रहे थे। घर से लगभग एक किलोमीटर पहले चक सोहर के पास पहले से घात लगाए दो अपराधियों ने उन पर हमला कर दिया। बदमाशों ने लगातार दो राउंड फायरिंग की—एक गोली उनके दाहिने हाथ में लगी, जबकि दूसरी कान के पास से गुजर गई। गोली लगते ही गौतम दर्द से चीखने लगे, जिसकी आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। लोगों को आता देख अपराधी मौके से फरार हो गए।
किसी से कोई पुरानी दुश्मनी नहीं
बता दें कि स्थानीय लोगों की मदद से घायल गौतम को पहले निजी नर्सिंग होम और फिर गंभीर हालत में नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया। वहीं पीड़ित गौतम कुमार का कहना है कि उनकी किसी से कोई पुरानी दुश्मनी नहीं है ।गौतम कुमार सोनमई बाजार में सीमेंट, सरिया और गिट्टी की दुकान चलाते हैं और उनका अपना ट्रैक्टर भी है। शनिवार को ड्राइवर के न आने पर वे खुद ट्रैक्टर लेकर हुलासचक गिट्टी गिराने गए थे। लौटते वक्त ही यह जानलेवा हमला हुआ।
मामले की गहन जांच की जा रही है
वहीं पुलिस प्रशासन का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है। धनरूआ थाना प्रभारी और नदवा ओपी प्रभारी अंकित कुमार के अनुसार, फायरिंग की सूचना मिलते ही पुलिस हर एंगल से जांच में जुट गई है, हालांकि अब तक हमले के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है।बता दें कि यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि बिहार में अपराधी अब खुलेआम वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। सवाल यह है कि जब जनप्रतिनिधियों के परिजन तक सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या हाल होगा? बढ़ते अपराध पर सख्त कार्रवाई और मजबूत कानून-व्यवस्था की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा महसूस की जा रही है।











