भोजपुरी लोकगायिका देवी का नया सफर -,सोशल मीडिया पर सामने आई बेटे की पहली झलक
भोजपुरी लोकगायिका देवी ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है।देवी, जिन्हें उनके शालीन और भावपूर्ण गीतों के लिए जाना जाता है, अब सिंगल मदर बन चुकी हैं। 9 सितंबर को ऋषिकेश के एम्स में देवी ने ऑपरेशन के जरिए एक बेटे को जन्म दिया।बेटे के जन्म की तस्वीर उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर साझा की। सिंगर देवी ने बच्चे को जन्म देने के बाद बताया कि मुझे आज बहुत खुशी हो रही है...ऐसा लग रहा है, मानो पूरी दुनिया मुझे मिल गई हो।"उनकी इस खुशखबरी........

भोजपुरी लोकगायिका देवी ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है।देवी, जिन्हें उनके शालीन और भावपूर्ण गीतों के लिए जाना जाता है, अब सिंगल मदर बन चुकी हैं। 9 सितंबर को ऋषिकेश के एम्स में देवी ने ऑपरेशन के जरिए एक बेटे को जन्म दिया।बेटे के जन्म की तस्वीर उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर साझा की। सिंगर देवी ने बच्चे को जन्म देने के बाद बताया कि मुझे आज बहुत खुशी हो रही है...ऐसा लग रहा है, मानो पूरी दुनिया मुझे मिल गई हो।"उनकी इस खुशखबरी से न सिर्फ परिवार, बल्कि उनके प्रशंसक भी बेहद उत्साहित हैं।
परिवार की प्रतिक्रिया
बता दें कि देवी सिर्फ एक गायिका ही नहीं, बल्कि मशहूर लोकनायक भिखारी ठाकुर की पोती भी हैं। वहीं देवी के पिता प्रो. प्रमोद कुमार ने मीडिया को जानकारी दी है कि उनकी बेटी ने जर्मनी में रहते हुए स्पर्म बैंक की मदद से डॉक्टरी देखरेख में गर्भधारण किया था। परिवार इस निर्णय से पहले से ही अवगत था और अब जब बच्चा सुरक्षित दुनिया में आया है तो सब बेहद खुश हैं।
आज मैं मौसी बन गई-देवी की बहन
प्रो. कुमार ने बताया कि इसके पहले भी सात साल पहले देवी ने कृत्रिम रूप से गर्भधारण की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं हो पाई थी।वहीं देवी की बहन नीती कुमार ने सोशल मीडिया पर बच्चे की पहली तस्वीर साझा की है।उन्होंने लिखा, बहुत खुशी हो रही है कि आज मैं मौसी बन गई। बता दें कि लोकगायिका देवी अपने गानों और सशक्त आवाज के लिए हमेशा चर्चा में रही हैं।सिंगर देवी अपने निजी जीवन को लेकर भी सुर्खियों में रही हैं।जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2021 में उनके सात समंदर पार रहने वाले फैब नामक युवक के साथ लिव-इन रिलेशनशिप की चर्चाएं खूब हुई थीं।
सामाजिक रूप से भी एक बड़ी मिसाल
बता दें कि देवी का यह कदम सामाजिक रूप से भी एक बड़ी मिसाल माना जा रहा रहा है। भारतीय समाज में जहां अविवाहित मातृत्व को लेकर अब भी कई तरह की धारणाएं और सवाल खड़े किए जाते हैं। वहीं, देवी का यह निर्णय आधुनिक सोच और स्वतंत्र जीवनशैली का उदाहरण प्रस्तुत करता है। परिवार का साथ और चिकित्सकीय पद्धति की मदद से देवी ने यह साबित कर दिया है कि स्त्री अपनी इच्छा से मातृत्व का अधिकार पा सकती है।उनके इस साहसिक कदम से यह संदेश भी मिलता है कि मातृत्व का अधिकार स्त्री की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और इच्छाशक्ति से जुड़ा हुआ है। इसके लिए शादी या रिश्तों पर निर्भर होना अनिवार्य नहीं।