Araria की ये स्कूली छात्राएं इतनी मजबूर क्यों, कड़ाके की ठंड में नंगे पांव खेतों में कर रही मजदूरी

Araria की ये स्कूली छात्राएं इतनी मजबूर क्यों, कड़ाके की ठंड में नंगे पांव खेतों में  कर रही मजदूरी

अररिया में आर्थिक तंगी की वजह से घर चलाने के लिए स्कूली छात्राएं नंगे पांव इस कड़ाके की ठंड में खेत में मजदूरी करने को मजबूर हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीओ ने जांच के आदेश दिये। मामला जिले के फारबिसगंज प्रखंड के शुभंकरपुर गांव का है। यहां इस शीतलहर के बीच काफी मर्माहत कर देने वाली तस्वीर सामने आ रही है। फारबिसगंज अनुमंडल के इस गांव में स्कूली छात्राएं दूसरे के खेतों में नंगे पांव मजदूरी करते हुए नजर आ रही हैं। बता दें कि अररिया में इस समय न्यूनतम तापमान 6 और 7 डिग्री सेल्सियस के बीच है। और हवा की गति 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बह रही है। इस बर्फीली हवा के बीच ऐसी तस्वीर मन को चोट पहुंचाने वाली है। इन बच्चियों के पिता पंजाब में मजदूरी करते हैं मां भी मजदूरी करती है और आर्थिक तंगी के कारण बच्चों को भी खेतों में मजदूरी करनी पड़ रही है। वो भी सारा दिन शकरकंद उखाड़ने के एवज में सिर्फ 50 रुपये ही मिलते हैं।

इन बच्चियों के दादा भोलाराम बताते हैं कि गरीब के घर की बच्चियां है खेत में मजदूरी नहीं करेंगे तो घर नहीं चल सकेगा। डीलर द्वारा अनाज कम दिया जा रहा है वही लेबर कार्ड भी नहीं बना है। बच्ची की मां बताती हैं कि लेबर कार्ड बनाने के लिए हजार रुपये की मांग वार्ड सदस्य कर रहा है। बता दें कि खेत में शकरकंद उखाड़ने का यह बच्चियां काम कर रही है और एक बोरा शकरकंद उखाड़ने पर 50 रुपये की आमदनी होती है। इस पूरे मामले में फारबिसगंज अनुमंडल पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार अलबेला ने बताया कि मामले की जांच करवाता हूं और लेबर इंस्पेक्टर को  गांव भेजा जाएगा। ताकि उन परिवारों से मिलकर पता किया जाए कि क्यों नहीं अभी तक सरकारी योजना का लाभ मिल पा रहा है और अगर वह बच्चियां खेत में काम कर रही हैं चाइल्ड लेबर की तरह तो उसका भी कारण पता किया जाएगा।