चाचा पशुपति कुमार पारस ने शनिवार को ठोका था ताल, आज रविवार को भतीजा चिराग पासवान ने दे दी नसीहत
पटना डेस्क : बिहार की राजनीति कई रंग-बिरंगे गुलदस्तों से सजी हुई है. हर दिन यहां कुछ ना कुछ नया होता ही रहता है. नेताओं की बयानबाजी से बिहार की राजनीती चलती रहती है और खबरें भी बनती रहती है. एक बार फिर ऐसा ही हुआ है लोजपा पार्टी के तरफ से. आपको ज्ञात होगा कि, एक रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा में बांट हो गया है. एक उनके बेटे चिराग पासवान के पास और दूसरे उनके भाई के पास. तब से चाचा भतीजा में वाद-विवाद शुरू हो गया है.
दरअसल, जब से दोनों लोग 18 जुलाई को एनडीए की बैठक से आये है. तब से बिहार की राजनीती और तेज हो गई है. बैठक में जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने चिराग पासवान को गले लगाया और चिराग पासवान ने अपने चाचा को गले लगाया और पैर छूकर आशीर्वाद लिया तो लगा की दोनों में सुलह हो गया है. लेकिन जिस तरह पशुपति कुमार पारस ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बयान दिया कि, कोई कितना भी छटपटा ले लेकिन मैं हाजीपुर से ही लोकसभा चुनाव लड़ूंगा और चुनाव जीतूंगा इसे दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती.
उसके बाद आज रविवार को चिराग ने कहा है कि, जब हम किसी गठबंधन में होते हैं तो गठबंधन की मर्यादा होती है कि, जबतक तमाम बातें गठबंधन के भीतर तय नहीं हो जाएं तबतक उसके बारे में सार्वजनिक तौर पर कुछ भी बोलना गठबंधन धर्म का उल्लंघन होगा. गठबंधन में शामिल दल अलग बात-विवाद उत्पन्न करें तो यह कहीं से भी ठीक नहीं है. हमने जितनी भी बातें की हैं. वह गठबंधन के भीतर हुई हैं. अगर किसी दूसरे को चर्चा करनी है तो सार्वजनिक तौर पर इस तरह से चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है. अगर किसी को कोई परेशानी है तो वह गठबंधन के भीतर जाकर बात करे, इस तरह से हो हल्ला करने का कोई लाभ नहीं है.
रिपोर्ट : कुमार कौशिक