अगर बिहार में उड़ाना है ड्रोन तो कराना होगा रजिस्ट्रेशन, पायलट को लेना होगा लाइसेंस
पटना डेस्क : हाल के दिनों में पार्टी फंक्शन हो या किसी भी तरीके का कोई भी महोत्सव हो उसमें ड्रोन की इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ने लगी है. ड्रोन के बढ़ते इस्तेमाल से सरकार चिंतित है और इसी क्रम में बिहार राज्य सरकार ने ड्रोन उड़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. इसके लिए ऑनलाइन डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन के आवेदक को एक विशिष्ट पहचान संख्या मिलेगा. जिसके आधार पर ड्रोन उड़ाया जा सकेगा. नियम तोड़ने पर ड्रोन को जप्त कर लिया जाएगा और ड्रोन के संचालक और मालिक पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
गृह विभाग की विशेष शाखा ने इस बाबत निर्देश जारी किया. जिसके साथ राज्य में ड्रोन उड़ाने के रेड और ग्रीन जोन तय कर दिया है. ड्रोन के संचालन पर नजर रखने के लिए सभी जिला में डीएम की अध्यक्षता में जिलास्तरीय समिति का गठन किया गया है. जिले के एसपी समिति के सदस्य बनाए गए निर्देश के अनुसार 250 ग्राम से अधिक वजन वाले ड्रोन को उड़ाने के लिए लाइसेंस जरूरी होगा. इसका परिचालन लाइसेंस प्राप्त रिमोट पायलट ही कर सकेंगे. ड्रोन लाइसेंस के लिए भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आवेदन करना होगा. जिसकी वैधता 10 साल होगी.
भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर 25 किमी और एयरपोर्ट की सीमा से पांच किमी परिधि का क्षेत्र रेड जोन होगा. राज्य सचिवालय या निदेशालय परिसर से तीन किलोमीटर परिधि और तेल रिफाइनरी, थर्मल पावर स्टेशन, सरकारी संस्थान के दो किलोमीटर की परिधि में ड्रोन उड़ाने पर रोक रहेगी जबकि, एयरपोर्ट की परिधि से 5 से 8 किलोमीटर के बीच का जमीनी क्षेत्र और 8 से 12 किलोमीटर का 200 फीट तक हवाई क्षेत्र येलो जोन होगा यहां ड्रोन उड़ाने को एयर ट्रैफिक कंट्रोल से अनुमति जरूरी होगी. रेड और येलो से बाहर का क्षेत्र ग्रीन जोन होगा. यहां 400 फीट या 120 मीटर की ऊंचाई तक ड्रोन उड़ाने को अनुमति जरूरी नहीं होगी.
रिपोर्ट : कुमार कौशिक