शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के के पाठक ने कहा - कॉलेज जो महज कागजों पर चल रहा है, उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी
पटना डेस्क : बिहार शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव के के पाठक इन दोनों फुल फॉर्म में है. आजकल उनके द्वारा लिए गए विभागीय फैसले खूब सुर्खियां बटोर रही हैं. उनके द्वारा लिए गए फैसले पर बहुत लोगों को आपत्ति भी होती है, तो बहुत लोग खुश भी होते हैं. ऐसे ही कड़ी में के के पाठक ने एक नया फरमान सभी मान्यता प्राप्त कॉलेजों को दिया है. उन्होंने साफ कर दिया है की वैसे कॉलेज जहां स्टूडेंट की संख्या महज नाम मात्र की है. उनकी मान्यता रद्द की जाएगी. इसको लेकर सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को आदेश जारी किया गया है.
के के पाठक ने इस आदेश के बाद उन कॉलेजों में चिंता बढ़ गई है. जहां सिर्फ एग्जाम के समय ही स्टूडेंट की मौजूदगी नजर आती है. के के पाठक ने बीते शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुलपतियों के साथ एक बैठक की. इस बैठक में यह आदेश जारी किया गया है कि, जो कॉलेज महज कागजों पर चल रही है. उनकी मान्यता रद्द की जाएगी. इतना ही नहीं के के पाठक ने एफिलिएटिड अल्पसंख्यक कॉलेज के लिए भी यह निर्देश जारी किया है.
के के पाठक ने सीधे तौर पर कहा है कि, कागजों पर ही बस स्टूडेंट को दिखाने वाले एफिलिएटिड अल्पसंख्यक कॉलेज को रद्द करने का भी आदेश दिया गया है. इसको लेकर पाठक ने उपस्थिति की जानकारी की भी मांग की है. उन्होंने कुलपति ने कहा है कि, सभी मान्यता प्राप्त कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों का अटेंडेंस सीट दोपहर तीन बजे तक शिक्षा विभाग को भेजे. अटेंडेंस सीट उपलब्ध नहीं किए जाने पर कार्रवाई करने की बात कही गई है. वर्तमान में बिहार में कुल 227 एफ्लिएटेंड कॉलेज हैं. अब इन कॉलेज पर के के पाठक के आदेश की तलवार खींच गई है.
रिपोर्ट : कुमार कौशिक