पतंजलि आयुर्वेद ने 67 अखबारों में माफीनामे को किया जारी, भ्रामक विज्ञापन के लिए पतंजलि ने मांगी सार्वजनिक माफी
DESK : पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में आज 23 अप्रैल को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव से उनके दिए गए सार्वजनिक माफीनामे को लेकर सवाल किया. अदालत ने कहा कि, क्या आपका माफीनामा उतना ही बड़ा है, जितना आपने भ्रामक विज्ञापन दिया था. रामदेव से ये भी सवाल किया कि, आखिर सुप्रीम कोर्ट में मामले पर सुनवाई से ठीक पहले ही सार्वजनिक माफीनामे को क्यों जारी किया गया.
सबसे पहले आप इस पूरे मामले को समझिए - दरअसल,पतंजलि के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने याचिका दायर की थी, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि, कंपनी ने मॉडर्न मेडिसिन और कोविड-19 वैक्सीन के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि, अन्य एफएमसीजी भी भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित कर रहे हैं और जनता को धोखा दे रहे हैं. कोर्ट ने कहा, "विज्ञापन खासतौर पर शिशुओं, स्कूल जाने वाले बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, जो उत्पादों का इस्तेमाल कर रहे हैं." अदालत ने आगे कहा कि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जांच करने के लिए मामले में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को शामिल करना जरूरी है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई टल गई है. अदालत अब बाबा रामदेव और बालकृष्ण के मामले की सुनवाई 30 अप्रैल को करेगी. बाकी के सभी सात बिंदुओं पर 7 मई को सुनवाई होगी.
REPORT - KUMAR DEVANSHU