सम्राट चौधरी का बड़ा ऐलान: बिहार में बनेंगी 100 फास्ट-ट्रैक अदालतें, 18 लाख केसों पर पड़ेगा असर
बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार अपराधियों और माफिया नेटवर्क पर दबाव बढ़ा रही है। इसी क्रम में राज्य के गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने रविवार को एक बड़ा निर्णय लेते हुए कहा कि बिहार में 100 नई फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित की जाएंगी। उनका कहना है कि यह कदम राज्य में लंबित मुकदमों के तेज निपटारे,.......
बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार अपराधियों और माफिया नेटवर्क पर दबाव बढ़ा रही है। इसी क्रम में राज्य के गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने रविवार को एक बड़ा निर्णय लेते हुए कहा कि बिहार में 100 नई फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित की जाएंगी। उनका कहना है कि यह कदम राज्य में लंबित मुकदमों के तेज निपटारे की दिशा में ऐतिहासिक साबित होगा।
18 लाख से अधिक मामले लंबित
सम्राट चौधरी ने बताया कि वर्तमान में विभिन्न अदालतों में 18 लाख से अधिक मामले लंबित हैं, जिससे नियमित न्यायालयों पर अत्यधिक बोझ बढ़ गया है। नए फास्ट-ट्रैक कोर्ट बनने से इन अदालतों पर दबाव काफी हद तक कम होगा और संवेदनशील एवं गंभीर मामलों पर अधिक प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सकेगा। गृह मंत्री ने एक बयान में कहा, 38 जिलों और उप-मंडलों में 100 फास्ट ट्रैक अदालतों को शुरू करने के लिए सरकार बड़े पैमाने पर भर्तियां करेगी।
कुल 900 पद भरे जाएंगे
उन्होंने कहा कि बेंच क्लर्क, ऑफिस क्लर्क, स्टेनोग्राफर, डिपोजिशन राइटर, डेटा एंट्री ऑपरेटर, चालक, प्रोसेस सर्वर और चपरासी सहित कुल 900 पद भरे जाएंगे। सम्राट चौधरी ने शस्त्र अधिनियम से संबंधित मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए 79 अदालतों को ‘अधिनियम अदालत’ के रूप में नामित किये जाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि ऐसे गंभीर मामलों के शीघ्र समाधान से राज्य में कानून-व्यवस्था मजबूत होगी।गृह मंत्री द्वारा जारी योजना के अनुसार सबसे ज्यादा अदालतें पटना में आठ, जबकि गया- मुजफ्फरपुर- दरभंगा व भागलपुर में चार-चार, नालंदा (बिहारशरीफ), रोहतास (सासाराम), सारण (छपरा), बेगुसराय, वैशाली (हाजीपुर), पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), समस्तीपुर और मधुबनी में तीन-तीन फास्ट-ट्रैक अदालतों की योजना बनाई गई है।
अपराधियों को त्वरित सजा मिलेगी
इसी तरह पश्चिम चंपारण (बेतिया), सहरसा, पूर्णिया, मुंगेर, नवादा, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, कैमूर (भभुआ), बक्सर, भोजपुर (आरा), सीतामढी, शिवहर, सीवान, गोपालगंज, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, कटिहार, बांका, जमुई, शेखपुरा, लखीसराय और खगड़िया में दो-दो अदालतें स्थापित की जाएंगी। वहीं नौगछिया और बगहा के उप-विभागीय न्यायालयों के लिए एक-एक फास्ट ट्रैक अदालत का भी प्रस्ताव है।सम्राट चौधरी ने कहा कि फास्ट-ट्रैक अदालतों की स्थापना से अपराधियों को त्वरित सजा मिलेगी, पीड़ितों को न्याय तेजी से प्राप्त होगा और पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था का ढांचा मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि सरकार अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।













