बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना को मौत की सजा,ताली बजाकर फैसले का स्वागत,प्रॉपर्टी जब्त करने का आदेश
बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को दो गंभीर आरोपों में मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने हसीना को हत्या के लिए उकसाने और हत्या का आदेश देने का दोषी पाया है।तीन सदस्यीय पीठ ने अपने 400 पन्नों के फैसले में हसीना को“हत्याओं की मास्टरमाइंड” बताया और कहा—उन्होंने 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान दमन का आदेश दिया और....
बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को दो गंभीर आरोपों में मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने हसीना को हत्या के लिए उकसाने और हत्या का आदेश देने का दोषी पाया है।तीन सदस्यीय पीठ ने अपने 400 पन्नों के फैसले में हसीना को“हत्याओं की मास्टरमाइंड” बताया और कहा—उन्होंने 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान दमन का आदेश दिया और हिंसा रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
12 लोगों की हत्या का दोषी माना
वहीं कोर्ट ने दूसरे आरोपी पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान को भी 12 लोगों की हत्या का दोषी माना और फांसी की सजा सुनाई।वहीं, तीसरे आरोपी पूर्व IGP अब्दुल्ला अल-ममून को 5 साल के जेल की सजा सुनाई। ममून सरकारी गवाह बन चुके हैं। सजा का ऐलान होते ही कोर्ट रूम में मौजूद लोगों ने ताली बजाकर फैसले का स्वागत किया।कोर्ट ने हसीना और असदुज्जमां कमाल की प्रॉपर्टी जब्त करने का आदेश दिया है। फिलहाल दोनों नेता बांग्लादेश से फरार हैं और पिछले 15 महीने से भारत में रह रहे हैं।
अगस्त 2024 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा था
बता दें कि पूर्व पीएम शेख हसीना, गृह मंत्री कमाल और पुलिस प्रमुख मामून पर हत्या, हत्या के प्रयास, यातना और अन्य अमानवीय कृत्यों सहित पांच आरोप लगाए गए हैं। एक प्रमुख आरोप में हसीना पर प्रदर्शनकारियों के 'सफाए' का आदेश देने का आरोप लगाया गया था।उन पर भड़काऊ बयान देने और छात्रों के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल का निर्देश देने का भी आरोप लगाया गया था, जिसके कारण अगस्त 2024 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट का अनुमान है कि 'जुलाई विद्रोह' के दौरान 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच 1,400 लोग मारे गए थे, क्योंकि उनकी सरकार ने व्यापक सुरक्षा कार्रवाई का आदेश दिया था।













