मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा फैसला: मुखिया-सरपंच को सीधे मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार
बिहार की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक ऐसा महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसने गांव-देहात से लेकर विधानसभा तक हलचल मचा दी है। अब तक ब्लॉक और नगर निकाय कार्यालयों के चक्कर काटने से थक चुके ग्रामीणों को भूमि संबंधी मामलों में बड़ी राहत मिली है।नीतीश सरकार ने मुखिया और सरपंच को सीधे मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दे दिया है। यह बदलाव विशेष तौर पर राजस्व महाअभियान को देखते हुए किया गया है, ताकि पुराने मामलों...

बिहार की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक ऐसा महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसने गांव-देहात से लेकर विधानसभा तक हलचल मचा दी है। अब तक ब्लॉक और नगर निकाय कार्यालयों के चक्कर काटने से थक चुके ग्रामीणों को भूमि संबंधी मामलों में बड़ी राहत मिली है।नीतीश सरकार ने मुखिया और सरपंच को सीधे मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दे दिया है। यह बदलाव विशेष तौर पर राजस्व महाअभियान को देखते हुए किया गया है, ताकि पुराने मामलों में नामांतरण और उत्तराधिकार की प्रक्रिया में तेजी आ सके।
भूमि राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव ने दी जानकारी
बता दें कि भूमि राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी जिला समाहर्ताओं को इस नई व्यवस्था की जानकारी देते हुए पत्र भेजा है। यह सुझाव 10 अगस्त को पटना स्थित राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में पंचायत प्रतिनिधियों के संघों के साथ हुई बैठक में आया था। इसमें यह निर्णय लिया गया कि जिन मामलों में रैयत या जमाबंदीदार की मृत्यु सालों पहले हो चुकी हो और प्रमाण पत्र उपलब्ध न हो, वहाँ प्रक्रिया को सरल बनाया जाए।
नीतीश सरकार का एक और महत्वपूर्ण फैसला
अब ऐसे मामलों में उत्तराधिकारी सफेद कागज पर स्व-घोषणा पत्र देकर, पंचायत के मुखिया या सरपंच से हस्ताक्षर कराकर अभिप्रमाणित करवा सकता है। इसके अलावा, वंशावली में यदि किसी सदस्य के नाम के साथ ‘मृत’ दर्ज हो तो वह भी प्रमाण माना जाएगा।इस फैसले से पुराने लंबित भूमि विवादों और नामांतरण के मामलों का निपटारा तेजी से होगा। इससे पहले सरकार ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रक्रिया में बदलाव करते हुए बीडीओ और नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों को अधिकार दिया था ताकि आवेदन लंबित न रहें।यह कदम गांव से लेकर शहर तक प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और सुलभ बनाने की दिशा में नीतीश सरकार का एक और महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है
नगर निकाय या ब्लॉक स्तर से ही जारी होता था
अभी तक मृत व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र केवल नगर निकाय या ब्लॉक स्तर से ही जारी होता था, जिसके कारण ग्रामीणों को लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। अब मुखिया या सरपंच स्थानीय सत्यापन के आधार पर पूर्वजों की मृत्यु को अभिप्रमाणित कर देंगे, जिससे नामांतरण का कार्य तुरंत आगे बढ़ सकेगा।वहीं भूमि राजस्व विभाग का कहना है कि इस बदलाव से हजारों लंबित नामांतरण मामलों का निपटारा तेज होगा, खासकर उन मामलों में जहां पुरानी मृत्यु की आधिकारिक तिथि का प्रमाण उपलब्ध नहीं है। यह फैसला प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल बनाकर ग्रामीणों को बड़ी राहत देगा।