बिहार में डेढ़ लाख की सब्सिडी का असर, 3.50 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां बिकीं, EV बिक्री में टॉप पर राजधानी पटना
बिहार में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को लेकर लोगों में बढ़ती जागरूकता और राज्य सरकार की आकर्षक सब्सिडी योजना ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। राज्य सरकार द्वारा EV खरीदने पर अधिकतम ₹1.5 लाख तक की सब्सिडी देने के फैसले का असर साफ दिखाई दे रहा है। अब तक बिहार में कुल 3,59,556 इलेक्ट्रिक गाड़ियां पंजीकृत की जा चुकी हैं। इन कुल गाड़ियों..

बिहार में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को लेकर लोगों में बढ़ती जागरूकता और राज्य सरकार की आकर्षक सब्सिडी योजना ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। राज्य सरकार द्वारा EV खरीदने पर अधिकतम ₹1.5 लाख तक की सब्सिडी देने के फैसले का असर साफ दिखाई दे रहा है। अब तक बिहार में कुल 3,59,556 इलेक्ट्रिक गाड़ियां पंजीकृत की जा चुकी हैं। इन कुल गाड़ियों में से करीब 68% गाड़ियां यानी 2,42,783 सिर्फ पिछले दो वर्षों में खरीदी गई हैं। यह आंकड़ा दिखाता है कि लोगों ने किस तेजी से इलेक्ट्रिक विकल्प को अपनाया है, खासकर जब सरकार ने सब्सिडी और टैक्स में छूट जैसे प्रोत्साहन देना शुरू किया। EV बिक्री में राजधानी पटना टॉप पर है, जहां अब तक 33,658 गाड़ियां बिक चुकी हैं। वहीं, अररिया जिला सबसे पीछे है, जहां सिर्फ 228 गाड़ियां बिकी हैं।
टैक्स में 75 प्रतिशत की छूट
बता दें कि EV की बैटरी पर कंपनियां 50 हजार से 1 लाख किलोमीटर या फिर 5 साल की वारंटी देती हैं। वहीं, सालभर में इसके मेंटेनेंस का भी कोई खर्च नहीं है। यानी पहला मेंटेनेंस आने से पहले ही आपकी गाड़ी फ्री हो जाएगी।दरअसल बिहार सरकार ने EV प्रोत्साहन नीति को 5 दिसंबर 2023 को लॉंच किया था। इसके तहत EV गाड़ी खरीदने पर डेढ़ लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। पॉलिसी के मुताबिक, पहले 10 हजार दो पहिया और प्रथम 1 हजार चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स में 75 प्रतिशत की छूट दी गई। इसके बाद से 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। साथ ही पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करने पर भी प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
किलोवाट के हिसाब से सब्सिडी दी जाती है
वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। इलेक्ट्रिक टू व्हीलर गाड़ी खरीदने पर 10 हजार रुपए दिया जा रहा। जबकि, अन्य वर्ग को प्रति गाड़ी 7500 रुपए अलग से भी दिए जा रहे हैं। दलितों को इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन के लिए 1.50 लाख रुपए और अन्य वर्ग को प्रति गाड़ी 1.25 लाख रुपए दिया जा रहा। EV की नई नीति के मुताबिक, किलोवाट के हिसाब से सब्सिडी दी जाती है। यह किलोवाट चार पहिया वाहनों के लिए है।
सब्सिडी बिना भी लोगों ने EV गाड़ियां खरीदी
जानकारी के लिए बता दें कि बिहार सरकार की सब्सिडी बिना भी लोगों ने EV गाड़ियां खरीदी हैं। परिवहन विभाग के आंकड़े बताते हैं, पॉलिसी आने के पहले ई-वाहनों की बिक्री में 58.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक, 2022-2023 में 88,208 हजार गाड़ियां सड़क पर आई। 2021-2022 में 55,751 और 2020-2021 में 23,083 इलेक्ट्रिक वाहन का रजिस्ट्रेशन हुआ।वहीं EV गाड़ियों के साथ कुछ खामियां भी हैं। सबसे बड़ी दिक्कत माइलेज और चार्जिंग पॉइंट को लेकर है। एमजी मोटर्स के पटना हेड ब्रजेंद्र कुमार बताते हैं, 'प्राइवेट सेक्टर और सरकार ने रिचार्ज पॉइंट लगाने शुरू किए हैं। आने वाले दिनों में यह भी समस्या खत्म हो जाएगी।'
टाटा मोटर्स के सबसे ज्यादा चार्जिंग पॉइंट
दरअसल बिहार में टाटा मोटर्स के सबसे ज्यादा चार्जिंग पॉइंट है। पटना, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बक्सर, सीतामढ़ी, पूर्णिया, गया समेत टाटा मोटर्स के डीलरशिप स्पॉट पर फास्ट चार्जिंग पॉइंट लगाए गए हैं। दरभंगा और मोतिहारी, बेतिया में जल्द चार्जिंग पॉइंट बनाए जाएंगे। पटना शहर के अंदर टाटा ने चार जगह पर चार्जिंग पॉइंट लगाए हैं। पनास होटल, संगुना मोड़, डाकबंगला गिंजर होटल और पीएनएम मॉल के पास। बिहटा में भी चार्जिंग की सुविधा है।
एमजी कंपनी ने भी चार्जिंग पॉइंट लगाए हैं
वहीं एमजी कंपनी ने भी चार्जिंग पॉइंट लगाए हैं। एमजी के पटना, मुजफ्फरपुर और दरभंगा में चार्जिंग पॉइंट हैं। आने वाले दिनों में गया, पूर्णिया, मधेपुरा और किशनगंज में प्रोसेस में है। बता दें कि टाटा के चार्जिंग पॉइंट पर गाड़ी मालिकों को 15 रुपए प्रति यूनिट (जीएसटी एडिशनल) की दर से पैसा देना होता है। सरकार EV की गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए चार्जिंग पॉइंट बना रही है। परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बताया, 'बिहार के करीब 250 पेट्रोल पंप को चिह्नित किया गया है। इन पेट्रोल पंप पर चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए जा रहे हैं।