Nithari Kand - सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर की फांसी की सजा रद्द, सीबीआई कोर्ट से मिली थी सजा-ए-मौत

Nithari Kand - सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर की फांसी की सजा रद्द, सीबीआई कोर्ट से मिली थी सजा-ए-मौत

DESK : बहुचर्चित निठारी कांड सुनते ही वर्ष 2006 का वह मंजर हम लोगों को याद आने लगता है. जिसमें कैसे दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उन पर आरोप लगा था कि, वह छोटे-छोटे बच्चों, महिलाएं, लड़कियों के साथ दुष्कर्म करते थे. उनकी हत्या करते थे और उनके नर कंकाल को बेचते थे. आज इलाहाबाद कोर्ट ने बहुचर्चित निठारी कांड में दोषी  सुरेंद्र कोली की 12 मामलों में से और मनिंदर सिंह पंढेर की दो मामलों में फांसी की सजा रद्द कर दी है.

 

कोर्ट ने इस केस में सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर दोनों को दोषी करार दिया है. निठारी कांड में सीबीआई ने 16 मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से सुरेंद्र कोली को 14 मामलों में फांसी की सजा मिल चुकी है. जबकि मनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ छह मामले दर्ज थे. इनमें से तीन मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी. दोनों मामलों में वह पहले से ही बरी थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के निठारी कांड में सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद द्वारा सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को मिली फांसी की सजा के खिलाफ अपील मंजूर कर ली है. आरोप संदेह से परे साबित न हो पाने के कारण निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया है.

 

न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र व न्यायमूर्ति एसएचए रिजवी की खंडपीठ ने लंबी चल रही बहस के बाद अपीलों पर फैसला सुरक्षित कर लिया था. उक्त मामले में सोमवार को फैसला सुनाया गया सुरेंद्र कोली पर दर्जनों लड़कियों की नृशंस हत्या व दुष्कर्म करने के आरोप में एक दर्जन से अधिक मामले में फांसी की सजा के खिलाफ अपील दाखिल की गई है. वहीं डी-5 सेक्टर 31 के मालिक मनिंदर सिंह पंढेर को तीन मामलों में फांसी की सजा मिली है. 7 मई 2006 को निठारी की एक युवती  को पंढेर ने नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया था. जिसके बाद युक्ति वापस घर नहीं लौटी. युवती के पिता ने नोएडा के सेक्टर-20 थाने में गुमशुदगी  का केस दर्ज कराया था. जिसके बाद 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले में पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे. पुलिस ने मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था. बाद में निठारी कांड से संबंधित सभी मामले सीबीआई को स्थानांतरित कर दिए गए थे.

 

REPORT – KUMAR DEVANSHU