पकड़ा गया जहरीली शराब कांड का मास्टरमाइंड, होमियोपैथिक दवा की आड़ में शराब का धंधा

पकड़ा गया जहरीली शराब कांड का मास्टरमाइंड, होमियोपैथिक दवा की आड़ में शराब का धंधा

बिहार पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। छपरा जहरीली शराब कांड का उद्भेदन कर दिया है। मुख्य आरोपी समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मिलावटी शराब का मास्टरमाइंड राजेश सिंह उर्फ डॉक्टर और उसके 4 अन्य सहयोगी पुलिस के शिकंजे में हैं। सारण के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने इस बात का खुलासा किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एसपी ने बताया कि पुलिस की ओर विशेष जांच दल का गठन किया गया था, जिसने  एक होम्योपैथी कंपाउंडर को पकड़ा है। एसपी की मानें तो वो छपरा और सीवान जहरीली शराब कांड का मास्टरमाइंड है। छपरा में जहरीली शराब के सेवन से 38 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए राजेश सिंह उर्फ डॉक्टर, उसके सहयोगी सोनू गिरी, शैलेंद्र राय, संजय महतो और अर्जुन महतो को  गिरफ्तार किया है। 

बताया जा रहा है कि राजेश सिंह होमियोपैथिक दवा की आड़ में शराब का धंधा करता था। इसके लिये वो उत्तर प्रदेश से होमियोपैथीक दवा रसायन मंगवाता था। इसके लिये वो फर्जी नाम और पता का इस्तेमाल करता था। रसायन आ जाने के बाद राजेश सिंह देसी शराब बनाता था। और फिर छपरा और उसके आस पास के जिले में फैला देता था। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि एक वाहन भी जब्त किया गया है। इसका इस्तेमाल उत्तर प्रदेश से रसायन लाने, सारण में मसरख और उसके आसपास शराब की आपूर्ति करने के लिए किया जाता था। नकली शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायनों की खाली बोतलें भी बरामद की गईं। एसआईटी ने इस मामले में पहले नौ लोगों को गिरफ्तार किया था।

बताया जा रहा है कि गिरफ्तार मास्टरमाइंड राजेश सिंह हरियाणा में कंपाउंडर का काम करता था। उसी दौरान उसने स्प्रिट और होमियोपैथी दवा से शराब बनाने का प्रयोग सीखा और उसके बाद उसने बनाने और बेचने का नेटवर्क तैयार कर उसे सप्लाई करता था। जहरीली शराब पीने से बीमार एक शख्स छुपकर इलाज करा रहा था। टीम ने उसे पकड़ा और जब उससे पूछताछ की तो शराब के नेटवर्क का पता चला। पुलिस ने मामले की पूरी सत्यापन कर इस कांड का उद्भेदन किया। साथ ही एसपी ने बताया कि मशरख थाने से स्प्रिट गायब होने की खबरें भ्रामक, अफवाह और तथ्यहीन है। ऐसे अफवाहों से बचने की जरूरत है।