पटना में हर रविवार मनाया जाएगा 'नो हॉर्न डे',2 अक्टूबर तक चलेगा खास अभियान, ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने की पहल

पटना शहर में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने हर रविवार को 'नो हॉर्न डे' मनाने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने वाहन चालकों से अपील की है कि हर रविवार को अपने वाहन का हॉर्न न बजाएं, ताकि शहरवासियों को शोर से राहत मिल सके।बोर्ड की ओर से 2 अक्टूबर तक विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। शहर को चार जोन में बांटकर टीम लोगों को बेवजह हॉर्न न बजाने और 'नो हॉर्न डे' का पालन करने के लिए प्रेरित कर रही है। इस पहल को शहरवासियों....

पटना में हर रविवार मनाया जाएगा 'नो हॉर्न डे',2 अक्टूबर तक चलेगा खास अभियान, ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने की पहल

पटना शहर में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने हर रविवार को 'नो हॉर्न डे' मनाने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने वाहन चालकों से अपील की है कि हर रविवार को अपने वाहन का हॉर्न न बजाएं, ताकि शहरवासियों को शोर से राहत मिल सके।बोर्ड की ओर से 2 अक्टूबर तक विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। शहर को चार जोन में बांटकर टीम लोगों को बेवजह हॉर्न न बजाने और 'नो हॉर्न डे' का पालन करने के लिए प्रेरित कर रही है। इस पहल को शहरवासियों ने भी सराहना दी है।

शांत क्षेत्रों में विशेष प्रतिबंध
सक्षम प्राधिकार के अनुमति के बिना लाउडस्पीकर, लोक संबोधन प्रणाली का उपयोग वर्जित है। रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर, डीजे, सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का उपयोग वर्जित है। रात्रि एवं शांत क्षेत्र में जिसमें न्यायालय, अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान और आवासीय क्षेत्रों एवं संवेदनशील क्षेत्र जिसमें सचिवालय, विधानमंडल, राजभवन, जैविक उद्यान आदि क्षेत्र के 100 मीटर के दायरे में शोर उत्पन्न करना वर्जित है। ध्वनि प्रदूषण नियम-2000 के प्रावधानों के उल्लंघन पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 की धारा 15 में आर्थिक दंड लगाया जा सकेगा। नियमों का उल्लंघन करने पर डीजे समेत अन्य उपकरण जब्त किए जा सकते हैं।

नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा योगदान 
बता दें कि शहर में अभी भी अनावश्यक हार्न बजाने की प्रवृति बनी हुई है। बोर्ड की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है कि हर रविवार को 'नो हार्न डे' का पालन करें। आवश्यकता न होने पर किसी भी दिन अनावश्यक हार्न बजाने से बचें क्योंकि ध्वनि प्रदूषण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। छोटा सा सहयोग, शहर के वातावरण और नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा योगदान होगा।