बिहार के सरकारी स्कूलों का बदला समय, इस तारीख से सुबह 6.30 बजे से लगेगी क्लास, शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश
बिहार में बढ़ती गर्मी के चलते बिहार के सरकारी स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। शुक्रवार को शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा कार्यालय द्वारा सरकारी स्कूलों का पूरा नया टाइम टेबल जारी किया गया। सात अप्रैल से सुबह 6.30 बजे से स्कूलों का संचालन किया जाएगा। दोपहर में 11.40 बजे से 12.20 तक सातवीं घंटी के बाद बच्चों को छुट्टी हो जाएगी। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी किया। सरकारी स्कूलों में नई समय...

बिहार में बढ़ती गर्मी के चलते बिहार के सरकारी स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। अब 10:30 बजे से संध्या चार बजे तक सरकारी स्कूलों में कक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी। शुक्रवार को शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा कार्यालय द्वारा सरकारी स्कूलों का पूरा नया टाइम टेबल जारी किया गया। सात अप्रैल से सुबह 6.30 बजे से स्कूलों का संचालन किया जाएगा। दोपहर में 11.40 बजे से 12.20 तक सातवीं घंटी के बाद बच्चों को छुट्टी हो जाएगी। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी किया। सरकारी स्कूलों में नई समय सारणी 7 अप्रैल से 1 जून तक लागू रहेगी।
बढ़ती गर्मी के कारण लिया गया फैसला
बता दें कि स्कूल में प्रार्थना होने के बाद पहला पीरियड 7 बजे से शुरू हो जाएगा। फिर सुबह 9 बजे से 40 मिनट का मध्यांतर होगा। कुल 6 पीरियड लगने के बाद 12 बजकर 20 मिनट पर छात्र-छात्राओं की छुट्टी कर दी जाएगी। वहीं, 12.20 बजे से 12.30 तक HM पढ़ाई की समीक्षा करेंगे।इसी दौरान कार्य योजना और होम वर्क की भी समीक्षा होगी। अभी सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक स्कूल की टाइमिंग है।दरअसल बढ़ती गर्मी के कारण ये फैसला लिया गया है। बता दें कि यह आदेश राज्य के सभी सरकारी स्कूलों पर लागू होगा। शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि सभी स्कूल निर्धारित समय सारणी का कड़ाई से पालन करें।
बच्चों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता था
वहीं शिक्षा विभाग की ओर से सभी बच्चों के गार्जियन से कहा गया है कि वे अपने बच्चों को समय से स्कूल भेजें। उन्हें गर्मी से बचाने के लिए जरूरी उपाय करें, जैसे कि पानी की बोतल देना, हल्के और सूती कपड़े पहनाना और छाते बच्चों को जरूर दें। अब तक सरकारी स्कूलों का संचालन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक होता था। इस दौरान दोपहर के समय बच्चों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता था। बढ़ते तापमान को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है, ताकि छात्र गर्मी के प्रभाव से सुरक्षित रह सकें।