राजधानी पटना में कबाड़ से किया गया कमाल, पटना नगर निगम की कवायद, स्वच्छता और रिसाइकलिंग का संदेश

राजधानी पटना में कबाड़ से किया गया कमाल,जिन रद्दी चीजों को आमतौर पर लोग फेंक देते हैं। उस कबाड़ का इस्तेमाल कर पटना नगर निगम द्वारा कई तरह की कलाकृति बनाई गई हैं। इन कलाकृतियों में रद्दी प्लास्टिक के बोतल, टीन, टायर, कार्डबोर्ड, आदि चीजों का इस्तेमाल किया गया है। यह कलाकृति पार्क में आने वाले लोगों, खास कर के बच्चों को काफी आकर्षित..

राजधानी पटना में कबाड़ से किया गया कमाल, पटना नगर निगम की कवायद, स्वच्छता और रिसाइकलिंग का संदेश

राजधानी पटना में कबाड़ से किया गया कमाल,जिन रद्दी चीजों को आमतौर पर लोग फेंक देते हैं। उस कबाड़ का इस्तेमाल कर पटना नगर निगम द्वारा कई तरह की कलाकृति बनाई गई हैं। इन कलाकृतियों में रद्दी प्लास्टिक के बोतल, टीन, टायर, कार्डबोर्ड, आदि चीजों का इस्तेमाल किया गया है। यह कलाकृति पार्क में आने वाले लोगों, खास कर के बच्चों को काफी आकर्षित कर रही है। साथ ही पार्क की शोभा भी बढ़ा रही है। इस पार्क को विवेकानंद पार्क के नाम से जाना जाता है। जो नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 22 स्थित है। 

पिता की मदद से किताबों को छूती हुई बच्ची 

इन कलाकृतियों में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति, पिता की मदद से किताबों को छूती हुई बच्ची ,जो इन सारी कलाकृतियों में सबसे खास है।  जो बेटियों की पढ़ाई के लिए जागरूक भी कर रही है। इसके अलावा प्लास्टिक बोतलों को कंधे पर उठाए हल्क, आधुनिक बाइक, फूलों को पानी देना और महिला के चेहरे की आकृति जैसे कई कलाकृति शामिल आकर्षण का केंद्र  हैं। यह पार्क अब सिर्फ टहलने की जगह नहीं, बल्कि एक सेल्फी पॉइंट भी बन गया है। लोग यहां हरियाली के बीच समय बिताने आते हैं और स्वच्छता और रिसाइकलिंग का संदेश लेकर जाते हैं। 

आम जनता के लिए पूरी तरह फ्री

वहीं इस पार्क के केयर टेकर राम प्रवेश ने कहा कि पटना नगर निगम के डस्टबिन में पड़े कचरे से इस कलाकृति को बनाई गई है। वहीं, रद्दी टायरों को पेड़ों पर टांगा गया है और उसमें प्लास्टिक बोतल की मदद से लाइट लगाई गई है, जो रात में जलती है।यह कलाकृतियां बच्चों के साथ बड़ों को भी काफी आकर्षित कर रही। उन्होंने बताया कि यह पार्क आम जनता के लिए पूरी तरह फ्री है। सुबह 6 बजे से सुबह 9 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक यह पार्क खुला रहता है।