बिहार के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी पर सख्त हुआ शिक्षा विभाग, सभी डीएम को भेजा गया निर्देश
बिहार में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के अपर मुख्य सचिव (ACS) एस. सिद्धार्थ ने सभी जिलाधिकारियों (DM) को पत्र लिखकर शिक्षकों की भारी कमी को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब किसी भी हाल में छात्रों की पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए....

बिहार में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के अपर मुख्य सचिव (ACS) एस. सिद्धार्थ ने सभी जिलाधिकारियों (DM) को पत्र लिखकर शिक्षकों की भारी कमी को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब किसी भी हाल में छात्रों की पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए।
शिक्षा विभाग के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 29 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है, 354 स्कूलों में केवल एक शिक्षक है, और 2,977 स्कूलों में दो शिक्षक ही कार्यरत हैं। यह स्थिति लंबे समय से छात्रों की शिक्षा पर बुरा असर डाल रही थी।अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि जिलों को उन स्कूलों की तुरंत समीक्षा करनी चाहिए जहां शिक्षक बेहद कम संख्या में हैं, विशेषकर प्राथमिक विद्यालयों में जहां एक या दो ही शिक्षक हैं या कोई भी नहीं है।
अस्थायी प्रतिनियुक्ति का भी विकल्प
ACS सिद्धार्थ ने निर्देश दिया है कि हर प्राथमिक विद्यालय में कम से कम तीन शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। यदि किसी स्कूल में विषयवार शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, तो वहां शिक्षकों की अस्थायी प्रतिनियुक्ति की जाए, ताकि पढ़ाई का स्तर बना रहे।इस पहल का मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में यह फैसला खास तौर पर राहतकारी हो सकता है, जहां शिक्षक न होने के कारण लंबे समय से बच्चों की पढ़ाई ठप पड़ी थी।
DM को मिली सीधी ज़िम्मेदारी
शिक्षा विभाग ने अब इस पूरी प्रक्रिया की जिम्मेदारी सीधे जिलाधिकारियों को सौंप दी है। उन्हें अपने-अपने जिलों में स्कूलों की स्थिति की समीक्षा कर, जरूरत के हिसाब से तत्काल शिक्षक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक सुधार होगा और सभी बच्चों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी। शिक्षा विभाग की यह सक्रियता आने वाले दिनों में राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने वाली साबित हो सकती है।