पटना विजिलेंस का शिकंजा: केसरिया CDPO ऑफिस में रिश्वत लेते पकड़ी गई महिला सुपरवाइजर, मचा हड़कंप

बिहार में लगातार बढ़ रहे अपराध और सरकारी तंत्र में गहराते भ्रष्टाचार के बीच पटना विजिलेंस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए केसरिया स्थित सीडीपीओ कार्यालय में पदस्थापित सुपरवाइजर अम्बालिका कुमारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी को 4,000 रुपये की रिश्वत स्वीकार करते समय पकड़ा गया, जिससे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप...

पटना विजिलेंस का शिकंजा: केसरिया CDPO ऑफिस में रिश्वत लेते पकड़ी गई महिला सुपरवाइजर, मचा हड़कंप

बिहार में लगातार बढ़ रहे अपराध और सरकारी तंत्र में गहराते भ्रष्टाचार के बीच पटना विजिलेंस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए केसरिया स्थित सीडीपीओ कार्यालय में पदस्थापित सुपरवाइजर अम्बालिका कुमारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी को 4,000 रुपये की रिश्वत स्वीकार करते समय पकड़ा गया, जिससे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।

मामले की गोपनीय जांच कराई
जानकारी के अनुसार, आरोपी महिला सुपरवाइजर पर एक लाभुक से सरकारी कार्य के निष्पादन के बदले अवैध राशि की मांग करने का गंभीर आरोप था। पीड़ित की शिकायत पर पटना विजिलेंस ने मामले की गोपनीय जांच कराई, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद पूरी योजना के तहत जाल बिछाकर कार्रवाई को अंजाम दिया गया।तय रणनीति के अनुसार जैसे ही आरोपी ने रिश्वत की राशि स्वीकार की, विजिलेंस टीम ने तत्परता दिखाते हुए उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान पूरी रिश्वत राशि बरामद कर ली गई है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सीडीपीओ कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल
इस कार्रवाई के बाद केसरिया सीडीपीओ कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा, वहीं जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों में भी खलबली मच गई है। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार, अब यह भी जांच की जा रही है कि इस भ्रष्टाचार में आरोपी अकेली थी या इसके पीछे किसी संगठित नेटवर्क की भूमिका भी रही है।राज्य में बढ़ते अपराध, रिश्वतखोरी और प्रशासनिक लापरवाही के बीच विजिलेंस की यह कार्रवाई सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति का संकेत मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी सख्त कार्रवाइयां ही सरकारी व्यवस्था में जनता का भरोसा बहाल कर सकती हैं।हालांकि, यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि जब विकास और सुशासन के दावे किए जा रहे हैं, तब जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार और अपराध पर पूरी तरह अंकुश क्यों नहीं लग पा रहा है।