CM नीतीश के पुत्र निशांत के जन्मदिन पर उपेंद्र कुशवाहा ने दी शुभकामनाएं,सीएम को पार्टी नेतृत्व छोड़ने की दी सलाह,कहा- JDU वाले ये बात नहीं कहेंगे

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार का आज जन्मदिन है। इस अवसर पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। राजनेताओं से लेकर आम जन तक, सभी निशांत को शुभकामनाएं दे रहे हैं।इसी क्रम में राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी निशांत कुमार को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं लेकिन इस बधाई के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश भी साझा...

CM नीतीश के पुत्र निशांत के जन्मदिन पर उपेंद्र कुशवाहा ने दी शुभकामनाएं,सीएम को पार्टी नेतृत्व छोड़ने की दी सलाह,कहा- JDU वाले ये बात नहीं कहेंगे


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार का आज जन्मदिन है। इस अवसर पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। राजनेताओं से लेकर आम जन तक, सभी निशांत को शुभकामनाएं दे रहे हैं।इसी क्रम में राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी निशांत कुमार को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं लेकिन इस बधाई के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश भी साझा किया।उन्होंने कहा कि खुशी के इस अवसर पर जेडीयू की नई उम्मीद निशांत को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। ईश्वर उसे हमेशा स्वस्थ एवं प्रसन्नचित्त रखें। इतना ही नहीं निशांत कुमार को बधाई देने के बहाने कुशवाहा ने नीतीश कुमार के लिए अपने एक्स पर एक लंबी पोस्ट भी लिखी है।

अपने मन की भावना भी साझा की
उपेंद्र कुशवाहा ने पोस्ट के जरीए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपने मन की भावना भी साझा की है। साथ ही उन्हें उनके दायित्व का अहसास कराने की कोशिश भी की है। उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि नीतीश कुमार जी से अति विनम्र आग्रह है कि समय और परिस्थिति की नजाकत को समझते हुए इस सच को स्वीकार करने की कृपा करें कि अब सरकार और पार्टी दोनों का (साथ-साथ) संचालन स्वयं उनके लिए भी उचित नहीं है।

 शायद मुख्यमंत्री जी से कह नहीं पाएंगे
उन्होंने आगे लिखा है -सरकार चलाने का उनका लंबा अनुभव है जिसका लाभ राज्य को आगे भी मिलता रहे, यह फिलहाल राज्य हित में अतिआवश्यक है परन्तु, पार्टी की जवाबदेही के हस्तांतरण (जो वक्त मेरी ही नहीं स्वयं उनकी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं/नेताओं की राय में अब आ चुका है) के विषय पर समय रहते ठोस फैसला ले लें।यही उनके दल के हित में है और इसमें विलंब दल के लिए अपूर्णीय नुकसान का कारण बन सकता है। शायद ऐसा नुकसान जिसकी भरपाई कभी हो भी नहीं पाये।अपनी पोस्ट में उपेंद्र कुशवाहा ने एक नोट भी लगाया है जिसमें लिखा है कि मैं जो कुछ कह रहा हूं, जदयू के नेता शायद मुख्यमंत्री जी से कह नहीं पाएंगे और कुछ लोग कह भी सकते हों, तो वैसे लोग वहां तक पहुंच ही नहीं पाते होंगे।