बिहार विधानसभा चुनाव: एनडीए में सीट बंटवारे पर घमासान, उपेंद्र कुशवाहा की नाराज़गी के बाद दिल्ली में मंथन, बोले- सब ठीक

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी घमासान तेज हो गया है। शुरुआत में भले ही माहौल सहज लग रहा था, लेकिन आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बयान ने गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।शनिवार सुबह उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से कहा"एनडीए में सब ठीक नहीं है, इस पर विचार-विमर्श की जरूरत है।"इस बयान के बाद भाजपा हरकत में आ गई और केंद्रीय ...

बिहार विधानसभा चुनाव: एनडीए में सीट बंटवारे पर घमासान, उपेंद्र कुशवाहा की नाराज़गी के बाद दिल्ली में मंथन, बोले- सब ठीक

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी घमासान तेज हो गया है। शुरुआत में भले ही माहौल सहज लग रहा था, लेकिन आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बयान ने गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।शनिवार सुबह उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से कहा"एनडीए में सब ठीक नहीं है, इस पर विचार-विमर्श की जरूरत है।"इस बयान के बाद भाजपा हरकत में आ गई और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय को कुशवाहा को मनाने की जिम्मेदारी दी गई।

अमित शाह से मुलाकात
नित्यानंद राय कुशवाहा को लेकर दिल्ली पहुंचे जहां करीब डेढ़ घंटे तक अमित शाह और कुशवाहा के बीच बैठक चली। इसके बाद कुशवाहा ने कहा,"बिहार में एनडीए की जीत होगी हर तरह से एनडीए में सभी घटक दल तैयार हैं।"हालांकि सूत्रों की मानें तो कुशवाहा महुआ विधानसभा सीट की मांग कर रहे थे, लेकिन बैठक के बाद भी उन्हें उस सीट पर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। न ही उन्होंने इस पर कोई स्पष्ट जवाब दिया।

जेपी नड्डा से भी मुलाकात
बैठक के बाद कुशवाहा ने बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी मुलाकात की। जब उनसे महुआ सीट को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा  "उस पर अलग से प्रेस कांफ्रेंस करके घोषणा की जाएगी।"वहीं राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर महुआ सीट कुशवाहा को दी जानी होती, तो उन्हें दिल्ली बुलाकर बैठक नहीं करनी पड़ती। ऐसे में माना जा रहा है कि महुआ सीट पहले ही फाइनल हो चुकी है — लेकिन किसी और उम्मीदवार के लिए।अब बैठक के बाद यह सवाल उठ रहा है कि कुशवाहा को आखिर सांत्वना पुरस्कार के तौर पर क्या मिला?क्या उन्हें राज्यसभा की सदस्यता का आश्वासन मिला है?या फिर किसी दूसरी मजबूत विधानसभा सीट की पेशकश की गई है?

एनडीए की एकजुटता पर फिर सवाल
बता दें कि इन सवालों का जवाब आने वाले दिनों में साफ होगा। अभी तक सिर्फ इतना तय है कि कुशवाहा को मनाने की कोशिशें हुईं हैं और उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कोई नाराज़गी नहीं दिखाई है । यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब एनडीए को विपक्षी महागठबंधन से कड़ी टक्कर मिल रही है। ऐसे में कुशवाहा जैसे नेता की नाराज़गी और महुआ जैसी सीट को लेकर चल रही खींचतान से यह साफ है कि अंदरूनी समीकरण अब भी पूरी तरह से सुलझे नहीं हैं।