बिहार में जेडीयू नेता के घर मिली देसी और विदेशी शराब, NHRC टीम के बिहार दौरे पर सियासत तेज

बिहार में जेडीयू नेता के घर मिली देसी और विदेशी शराब, NHRC टीम के बिहार दौरे पर सियासत तेज


बिहार में जहरीली शराब ने कोहराम मचा रहा है। छपरा, सीवान, गोपालगंज, बेगूसराय सहित कई जिलों में लगतार मौतें हो रही हैं। विपक्षी दलों के नेताओं की मानें तो मौतों का आंकाड़ा डेढ़ सौ के पार पहुंच चुका है। इस वजह से सर्द भरी मौसम में भी सूबे का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। शीतकालीन सत्र के दौरान जहरीली शराब से हुई मौतों पर जमकर बवाल हुआ। सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आक्रोश भी देखने को मिला। जो लोग शराब से मरे हैं, बीजेपी उनके परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रही है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुआवजा देने से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि मुआवजा देने से बिहार में शराबबंदी का उद्देश्य ही विफल हो जाएगा।

जेडीयू नेता के घर मिली शराब 
इधर बिहार पुलिस को नये डीजीपी मिल गये हैं। 1990 बैच के सख्त IPS आरएस भट्टी को जिम्मेदारी मिली है। पदभार ग्रहण करने के साथ ही वो एक्शन मोड में हैं। जहरीली शराब कांड में शामिल आरोपियों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। छपरा में SIT की टीम ऑपरेशन क्लीन ड्राइव चला रही है। इस दौरान इसुआपुर के कुख्यात शराब धंधेबाज अखिलेश राय को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम पूरे जिले में लगातार छापेमारी कर रही है। इसी दौरान नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के एक नेता भी पुलिस के हत्थे चढ़ गये है। कामेश्वर सिंह के घर से भारी मात्रा में शराब बरामद किया गया है। इसमें देसी और विदेशी दोनों शामिल है। बताया जा रहा है कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि उनके घर से शराब का धंधा चल रहा है, जिसके बाद रेड की गई। 

कामेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया साजिश 
हालांकि कामेश्वर सिंह ने बताया कि उन्हें मीडिया के माध्यम से मालूम हुआ कि उनके घर में शराब मिली है। उनको घर छोड़े हुए 32 साल हो गये। घर टूटा हुआ है। दरवाजा भी नहीं है। कामेश्वर सिंह ने इसे  साजिश बताया। उन्होंने कहा कि किसी ने घर में शराब रखकर उन्हें फंसाने की कोशिश की है। शराब वहां कैसे पहुंचा, हमे इसकी जानकारी नहीं। उन्होंने सरकार से मामले की जांच की मांग की हैं। साथ ही कहा कि सरकार को ये बदनाम करने की साजिश है। शराब किसने रखी है, मामले की जांच होनी चाहिए। बता दें कि जेडीयू नेता कामेश्वर सिंह मशरख के रहने वाले हैं। उनका एक मकान मढ़ौरा में भी है, जिसे उन्होंने किराये पर लगा रखा है। इसी मकान में पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम ने छापेमारी की, जहां से देसी और विदेशी शराब बरामद की गई। 

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NHRC टीम के बिहार दौरे पर सियासत 
आपको बता दें बिहार के छपरा में जहरीली शराब से अबतक 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि सरकारी आंकड़े इससे काफी कम बताये जा रहे हैं। हालांकि मीडिया रिपोर्टस के आंकड़ों के अनुसार 83 लोगों की जान गई है। वहीं इस कांड के बाद पुलिस छापेमारी में करीब सवा सौ शराब धंधेबाज पकड़े गये है। वहीं  NHRC की टीम ने छपरा का दौरा किया और जहरीली शराब से मौत मामले की जांच की। हालांकि NHRC टीम के इस दौरे पर बिहार की  राजनीति में बवाल भी मच गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को ये जांच पसंद नहीं आया।  सत्ता पक्ष का कहना है कि बीजेपी शासित राज्यों में जो घटनाएं घटी हैं उसके लिए NHRC की टीम जांच क्यों नहीं कर रही है? इसपर बीजेपी ने भी सवाल पूछा है कि बिहार सरकार NHRC से डर क्यों रही है?