CM आतिशी ने याद दिलाई रामराज की, कहा - भरत की तरह संभालूंगी दिल्ली, BJP ने बोला चापलूसी से काम नहीं चलेगा
DESK : इस कलियुग में आज भारत की राजधानी दिल्ली ने रामायण काल को याद दिला दी है. अभी हाल में ही आतिशी दिल्ली की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री बनी और आज उन्होंने सीएम हाउस में अपना पदभार संभाला और पदभार संभालते ही उन्होंने रामायण काल की याद दिला दी. जिस तरीके से राजा राम जी का वनवास होने के बाद 14 वर्षों तक भरत उनके राज को संभाले थे. उसी तर्ज पर आतिशी ने भी चार महीने के लिए इस पदभार को संभालने की बात कही और वो आसन पर भी नहीं बैठी. बोली ये कुर्सी अरविन्द केजरीवाल जी है. वही आकर बैठेगें.
जैसे रामायण काल में भरत ने राम जी के खड़ाऊ को ही सिंहासन पर रख 14 वर्षों तक शासन किया था. वैसे ही आतिशी ने भी सीएम ऑफिस में अपनी कुर्सी अलग रखकर दिल्ली वालों की सेवा करने की बात कह रही है. उनका कहना है कि, केजरीवाल को जब दिल्ली की जनता फिर से जिताएगी और वहीं आकर इस कुर्सी पर बैठेंगे.
ऐसा नहीं है कि, CM आतिशी के किए गए इस काम से सब लोग खुश हैं. इस पर दिल्ली के बीजेपी जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पलटवार किया है कहा है कि, आतिशी ने ऐसा कर दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुंचाया है. साथ ही दिल्ली की जनता की भावनाओं का भी ख्याल नहीं रखा है. सीएम ऑफिस में एक कुर्सी खाली रखना यह कोई आदर्श नहीं हैं, बल्कि चापलूसी है.
आपको बता दे, 13 सितंबर को दिल्ली शराब नीति मामले में केजरीवाल को जमानत मिली थी. जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था. जिसके बाद विधायक दल की बैठक में आतिशी को नेता चुना गया. 21 सितंबर को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी बनी थी. 5 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. उसी दिन आतिशी ने भी दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली राजनिवास में उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने 5 विधायकों को मंत्री पद और आतिशी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला. शपथ के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर छुए थे.
REPORT - KUMAR DEVANSHU