पटना ड्राइविंग टेस्ट सेंटर के प्रभारी रितेश सिंह को चाहिए दलालो का कोड, रेट 10000 मात्र
ना पक्ष न विपक्ष केवल सच देशवा ट्रांसपोर्ट न्यूज़ का जो कैमरा देखा है, वही हम अपने तमाम दर्शकों को दिखाते हैं । अगर किसी के साथ अन्याय हो रहा है तो हमारा काम है कि हम अपने दर्शकों के सामने सच को लाए। इसी कड़ी में कल हमने खबर चलाया था, परिवहन विभाग पटना की बात है। पटना में एक ड्राइविंग स्कूल है टेस्टिंग ट्रैक या ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक।जहां..

ना पक्ष न विपक्ष केवल सच देशवा ट्रांसपोर्ट न्यूज़ का जो कैमरा देखा है, वही हम अपने तमाम दर्शकों को दिखाते हैं । अगर किसी के साथ अन्याय हो रहा है तो हमारा काम है कि हम अपने दर्शकों के सामने सच को लाए। इसी कड़ी में कल हमने खबर चलाया था, परिवहन विभाग पटना की बात है। पटना में एक ड्राइविंग स्कूल है टेस्टिंग ट्रैक या ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक।जहां लाइसेंस देने के लिए अधिकारी पैसे का लेनदेन कर रहे हैं।
उनपर पहले भी आरोप लगता रहा है
पटना में ड्राइविंग स्कूल है ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक, वहां पर बाढ़ के एक कमलेश के साथ मारपीट हुई। जिस व्यक्ति पर मारपीट करने का आरोप लगा उनका नाम था रितेश सिंह और वो वहीं के प्रभारी हैं। उनपर पहले भी आरोप लगता रहा है। दरअसल लाइसेंस के लिए वहां पर कई लोग आए थे। आए हुए आदमी बहुत बेचैन थे काफी देर से बैठे हुए थे और सब पर एक कोड लिखा हुआ । उस कोड से जो आते हैं वो जल्दी से टेस्ट देके चले जाते हैं ।आप अच्छा कीजिए बुरा कीजिए आपको पास कर दिया जाएगा क्योंकि पास करने वाला या अधिकारी रितेश सिंह हैं।
पैसों के लेनदेन के मामले को लेकर ही मारपीट
वहीं बाढ़ के कमलेश जिनके साथ प्रभारी द्वारा मारपीट की गई। मारपीट के बाद कमलेश को एडीटीओ ने अपने चेंबर में बुलाया बात को शांत करवाने के लिए। वहां मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि यहां काम करवाने के लिए दलाल पैसे लेता है। और रितेश सिंह पर भी यही आरोप है कि ये पैसों के लेनदेन के मामले को लेकर ही मारपीट किए थे । हांलाकि वहां पर जो एडीटीओ थे उनके द्वारा हमसे बोला गया कि सीसीटीवी का फुटेज का जांच करवाएंगे और फिर वो हमारी टीम को जांच रिपोर्ट बताया जाएगा कि उस रिपोर्ट में रितेश सिंह के खिलाफ या उनके सपोर्ट में क्या दिया गया है।
जिंदगी भर के लिए अपाहिज घोषित कर देते हैं-रितेश सिंह
दरअसल बात यह है कि बिहार के पटना जिले के ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के प्रभारी रितेश सिंह ने वहां पर आए हुए कमलेश के साथ हाथापाई की और उसे शारीरिक तौर पर अपाहिज घोषित करते हुए कहा कि हम तुमको गाड़ी ट्रेनिंग नहीं देंगे तुम यहां से भागो, तुमको हम जिंदगी भर के लिए अपाहिज घोषित कर देते हैं । कभी तुम्हारा लाइसेंस नहीं बनेगा फिर कमलेश ने कहा कि आपको जो करना है करिए । यह सुनते ही रितेश सिंह ने कमलेश का गला पकड़ लिया और जान से मारने की धमकी देते हुए बोले- जान से मार देंगे किसी को पता भी नहीं चलेगा।
गार्ड ने पकड़ लिया और हाथापाई करने लगे-पीड़ित
कमलेश ने बताया कि उन्होंने रितेश सिंह से कहा कि हमारा लाइसेंस नहीं बनाइएगा, ट्रेनिंग नहीं दीजिएगा हमारा पेपर दे दीजिए । लेकिन जब हम पेपर लेकर निकले तब दो गार्ड ने पकड़ लिया और हाथापाई करने लगे और फोन भी फोड़ दिया । अब इसका मुआवजा कौन देगा हमारे पेपर पर लिख दिया गया है हमें ट्रेनिंग नहीं दिया जा रहा है। हम केवल पुलिस के पास जाएंगे हम लोकल पुलिस के पास जाएंगे हमने डीटीओ ऑफिस में जाकर सब बता दिया है । वहीं जब हम इस मारपीट के मामले के तह तक गए तो पता चला कि कमलेश ने आठ हजार नहीं दिया था इसलिए उसके साथ मारपीट की गई। वहीं वहां मौजूद कुछ और लोगों ने भी कहा कि जिससे जैसा होता है दलाल पैसा लेता है ।
रिश्नावत ना देना बना मारपीट की वजह
बता दें कि कमलेश के पेपर पर कोड नहीं था और उसका अपराध इतना ही था कि वो लड़का खुद से अप्लाई करके आया था। किसी दलाल का सहारा नहीं लिया था। बस इसी पर वहां पे तू तू में में होते हुए बदतमीजी गाली गलौज उसके बाद फिर उसके साथ मारपीट की गई । कमलेश ने बताया कि हम वहां पेपर जमा कर दिए फिर हमसे कहा गया रूम में जाकर बैठिए ।रूम में हम बैठ गए मेरा नंबर आया हमें बुलाया गया । लेकिन मेरे पेपर में लर्नर नही था। हम उनसे 2 मिनट का टाइम मांगे। फिर उन्होंने पूछा कि आप अप्लाई कहां से किए, हम बोले सर हम अप्लाई एम परिवहन पर जाकर खुद अपने घर में बैठकर किए हैं।हमारे पास सब फोन में है ।हम लर्नर निकाल कर आपको देते हैं उसके बाद वो बोले कि तुम गाड़ी कितने दिन से चला रहे हो। हम बोले सर 6 महीना से चला रहे हैं । वो बोले ठीक है तुमको गाड़ी ट्रेनिंग नहीं दिया जाएगा।
सवालों के घेरे में पदाधिकारी
अब सवाल ये उठता है कि ऑनलाइन जो आवेदन करते हैं उसमें से कितने आदमी पास करते हैं । दूसरा सवाल उसी टेस्टिंग ट्रैक पे कितनेआदमी फेल करते हैं? एक और सवाल आखिरकार दलाल के माध्यम से जो आदमी गए वो कितने आदमी पास किए ? क्योंकि चार पांच आदमी का फुटेज हमारे पास उपलब्ध करवाने का प्रयास कर रहे हैं जो पास तो कर गए लेकिन ड्राइविंग गलत कर रहे थे। वहीं जिनको ड्राइव नहीं करने आता था सिर्फ गाड़ी पे बैठे मोबाइल लगाकर किसी तरह हैंडल घुमा लिए उनको लाइसेंस भी मिला है । इसी टेस्टिंग ट्रैक के और वह दलाल के माध्यम से मिला है।एक और सवाल फेल कितनेआदमी वहां हुए? विगत एक महीने में पास कितने आदमी हुए ?
जांच कर कार्रवाई की जाएगी-एडीटीओ
वहीं जिला परिवहन पदाधिकारी से पूछने पर उन्होंने बताया कि टेस्टिंग ट्रैक पर किसी तरह का विवाद का सूचना मिला था एडीटीओ विनोद को हमने जांच का आदेश दिया है और जैसा रिपोर्ट वो करते हैं उस अनुसार उनके ऊपर कारवाई की जाएगी। वहीं सवाल हमने जिला के अपर परिवहन पदाधिकारी से पूछा उन्होंने बोला ऑफ कैमरा कि हां ये गलत है जब यह फिट है तो इसको मानसिक रोगी और फिर विकलांग या शारीरिक रूप से असक्षम कैसे कोई बता सकता है।देखिए देशवा ट्रांसपोर्ट न्यूज़ पर आपको लगातार जो पटना परिवहन विभाग में खासकर ड्राइविंग लाइसेंस को बनाने को लेकर खेल हो रहा है और पैसे की लेनदेन की बात हो रही है और उस विद्यालय में विद्यार्थी कैसे पास हो रहे हैं ,कैसे परीक्षा ली जा रही है ,पास होने वाले जो विद्यार्थी हैं उनमें ऐसी क्या गुणवत्ता थी जो वो पास हो गए और दलालों के माध्यम से आए हुए विद्यार्थियों में क्या गुणवत्ता थी जो वो पास हो जा रहे हैं। जो ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं जो रिश्वत दिए हुए बिना अगर वो गए हैं तो उनकी ड्राइविंग लाइसेंस क्यों नहीं बनाई जाती है। ये सारे सवालों के जवाब ढुढ़ने के लिए और अपने दर्शकों को जितने भी व्यक्ति फेल किए हैं एक-एक व्यक्ति से ऑन कैमरा देशवा न्यूज़ की टीम मिलेगी और उनसे पूछेगी कि आप कैसे फेल किए और वहीं पर जो इंचार्ज है चाहे एमबीआई साहब हो चाहे डीडीओ साहब हो उनसे फिर से यही सवाल कि बताइए कि ये सब इतने व्यक्ति जो थे सब के सब कैसे टेस्ट में पास किए और बाकी सब कैसे फेल किए।