बिहार के 255 नए मार्गों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलेंगे, परिवहन विभाग ने की पहचान, आम लोगों से मांगी राय

परिवहन विभाग ने राजधानी  पटना सहित अन्य शहरों के लिए 25 नए मार्ग की पहचान की है।  इनमें शामिल हैं: पटना से फतुहा,बिहारशरीफ,गिरियक होते हुए रजौली,कटिहार से किशनगंज,बाराचट्टी से गया,सोभ से गया,धनगाई से गया,भलूआ से गया,जयगीर से गया,बासविगहा से पटना जंक्शन,मुंडाछ से अगमकुआं,रघुनाथपुर बाजार से बेतिया..

बिहार के 255 नए मार्गों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलेंगे, परिवहन विभाग ने की पहचान, आम लोगों से मांगी राय

बिहार  राज्य के 255 नए मार्गों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट यानी  सार्वजनिक यात्री वाहन चलेंगे। परिवहन विभाग ने इन मार्गों की पहचान की है। इनमें 25 ऐसे मार्ग हैं जिन पर पहली बार यात्री वाहन चलेंगे। वहीं 230 पुराने मार्गों में संशोधन किया जा रहा है। इन मार्गों पर यात्री वाहन चलाने से पहले परिवहन विभाग ने आम लोगों से राय मांगी है। 

 255 मार्गों को विभाग की वेबसाइट पर अपलोड

बता दें कि मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना के तहत नौ जुलाई 2024 को राज्य में 2005 मार्गों का निर्धारण किया गया है। प्राप्त अनुशंसा के तहत राज्य के कुल 255 मार्गों को परिवहन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। विभाग ने कहा है कि इन मार्गों के संबंध में किसी व्यक्ति/वाहन मालिक को कोई सुझाव या आपत्ति है तो वे परिवहन विभाग, विश्वेश्वरैया भवन बेली रोड, पटना में आकर दे सकते हैं।

 25 नए मार्ग की पहचान 

परिवहन विभाग ने राजधानी  पटना सहित अन्य शहरों के लिए 25 नए मार्ग की पहचान की है।  इनमें शामिल हैं: पटना से फतुहा,बिहारशरीफ,गिरियक होते हुए रजौली,कटिहार से किशनगंज,बाराचट्टी से गया,सोभ से गया,धनगाई से गया,भलूआ से गया,जयगीर से गया,बासविगहा से पटना जंक्शन,मुंडाछ से अगमकुआं,रघुनाथपुर बाजार से बेतिया,खोरा चौक से मुजफ्फरपुर इमली चट्टी,रक्सौल ढाला से लखौरा,नरकटियाबाजार होते हुए मोतिहारी,और अन्य कई मार्ग शामिल हैं। इसके अलावा,230 पुराने रूटों में भी बदलाव का प्रस्ताव है।

बाकी 230 पुराने रूटों में बदलाव करने का प्रस्ताव है।

वहीं परिवहन विभाग के तहत सीएम प्रखंड परिवहन योजना का संचालन किया जा रहा है।बता दें कि  प्रत्येक प्रखंड में सात-सात लोगों को दिया जाना है। इनमें दो लाभुक अनुसूचित जाति से, दो अत्यंत पिछड़ा वर्ग से, एक पिछड़ा वर्ग से, एक अल्पसंख्यक समुदाय और एक सामान्य वर्ग से होंगे। जिस प्रखंड में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 1000 से अधिक होगी, उस प्रखंड में एक अतिरिक्त अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। इसमें लाभुकों को प्रति बस 5 लाख रुपए का अनुदान मिलेगा। योजना का संचालन वर्ष 2025-26 तक किया जाएगा।