नहाय-खाय के साथ आज से लोग आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत, जानें क्या है महत्व?
PATNA : लोक आस्था का महापर्व छठ का शुरुआत आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो चुका है. इस दिन व्रती गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान के बाद सूर्य देव की पूजा करते हैं. इसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं. भोजन में चावल-दाल और लौकी की सब्जी ग्रहण करती हैं. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि को नहाय खाय होता है. यह पर्व संतान की प्राप्ति और उनकी समृद्धि के लिए रखा जाता है. इस पर्व में भगवान भास्कर और छठी मइया की पूजा का विधान है इस साल छठ पूजा 5 नवंबर से 8 नवंबर तक मनाई जाएगी.
नहाय-खाय के दिन छठ का व्रत रखने वाले पुरुष या महिला सात्विक भोजन का सेवन करते हैं. पहले दिन खाने में ऐसी चीजों को शामिल किया जाता है, जिससे भूख-प्यास कम लगे. नहाय-खाय के दिन बिना प्याज, लहसुन के सब्जी बनाई जाती है. इस दिन लौकी और कद्दू की सब्जी बनाने का खास महत्व होता है. नहाय-खाय में लौकी चना की दाल को भात के साथ खाया जाता है. कद्दू को खाने के पीछे की सबसे बड़ी बात यह है कि लंबे व्रत के दौरान शरीर में पानी की कमी नहीं होती है.
देशभर में छठ पूजा के पावन पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. कानपुर में भी इस त्योहार को लेकर लोगों के बीच काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है. छठ के इस पर्व को लेकर शहर में कई जगह पर घाटों पर भी नगर निगम ने सफाई का काम शुरू कर दिया है. इसके साथ ही लोगों ने भी घाटों के किनारे अलग-अलग प्रकार की रंग बिरंगी वेदियां बनाना शुरू कर दिया हैं.
REPORT - KUMAR DEVANSHU