शर्मनाक : बिहार के दो भाइयों ने विश्व स्तर पर रचा कीर्तिमान, राज्य सरकार और जिला प्रशासन को जानकारी तक नहीं

शर्मनाक : बिहार के दो भाइयों ने विश्व स्तर पर रचा कीर्तिमान, राज्य सरकार और जिला प्रशासन को जानकारी तक नहीं


प्रतिभा किसी प्रशंसा की मोहताज नहीं होती। जी हां संसाधनों के अभाव औऱ ग़ुरबत के बीच बिहार के दो लाल ने कमाल कर दिखाया है। बात हो रही है पश्चिमी चंपारण ज़िला के सुदूरवर्ती वाल्मीकिनगर स्थित लक्ष्मीपुर गांव की। यहां के गफ़्फ़ार देवान के दो बेटों उस्मान औऱ इरफ़ान की कहानी सुनकर आप भी फख्र महसूस करेंगें। ग़रीब परिवार में जन्मे उस्मान देवान ने एशियन एथेलेटिक्स पारा गेम्स में देश को स्वर्ण पदक हासिल कराने का कृतिमान रचा है। दुबई में वर्ष 2017 में हुए विश्व स्तरीय धावक प्रतियोगिता में उस्मान ने तीन तीन मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है। तो वहीं इरफ़ान टी 20 वर्ल्ड कप ब्लाइंड में लगातार तीसरी बार विश्व विजेता रहे। भारतीय टीम में बतौर ऑल राउंडर क्रिकेटर अपनी अहम भूमिका निभाई। इसके लिये उन्हे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित भी कर चुकी हैं। लेकिन हैरत औऱ अफ़सोस की बात है। लगता है इस बात की जानकारी बिहार सरकार औऱ ज़िला प्रशासन को नहीं है। तभी तो इन होनहारों की हौसला बढ़ाने या इनसे मिलने तक कि ज़हमत अब तक  जनप्रतिनिधियों या हाकिमों ने नहीं उठाई है। लिहाज़ा पूरा परिवार दुःखी है और जितनी ख़ुशी इन्हें देश का मान सम्मान बढ़ाने औऱ विश्व स्तरीय कृतिमान रचने की है उतना ही अफ़सोस इन्हें राज्य सरकार या प्रशासन द्वारा किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने को लेकर भी है ।

मुफ़लिसी के इस दौर में परिवार का भरण पोषण औऱ आर्थिक स्थिति को लेकर ये दोनों होनहार सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं । उस्मान औऱ इरफ़ान के पिता गफ़्फ़ार फफक के रो रहे आर्थिक स्थिति को लेकर गहरे सदमे में हैं। अब वो बुजुर्ग हो चुके हैं। लिहाज़ा कोई मेहनत मजदूरी भी नहीं कर सकते हैं । बावजूद इसके अपने दोनों बेटों की कामयाबी से जहां ख़ुशी का माहौल है वहीँ घर परिवार की तंगहाली भी आपके सामने है । हैरत की बात है कि जिस परिवार में ऐसे दो दो जाबाज़ औऱ होनहार हों उस परिवार को अब तक कोई सरकारी लाभ या सुविधा नहीं मिली है । झोपड़ी नुमा सड़क किनारे टूटा फूटा घर है। वह भी गैर मजरूआ ज़मीन पर। जहां इस पूरे परिवार का बमुशिकल गुजारा हो रहा है । ऐसे में उस्मान औऱ इरफ़ान के साथ साथ सामाजिक कार्यकर्ता निजामुद्दीन व अन्य लोग भी ये चाहते हैं कि प्रशासन औऱ सरकार इस ओर ध्यान दे। इन्हें स्पोर्ट करें। ताक़ि माली हालत में सुधार हो सकें औऱ फ़िर ये दोनों गुदड़ी के लाल नया कमाल कर सकें ।ऐसे में ज़रूरत इस बात की है की समय रहते सरकार और प्रशासन की ओर से इस परिवार की मदद की जाए वहीं अगर इनकी हौसला अफजाई हो तो वह दिन दूर नहीं होगा जब सचिन व धोनी या फ़िर पीटी उषा की तरह ऐसी प्रतिभाओं से नई मिसाल कायम हो सके।