धनतेरस आज, जानिए पूजा की विधि और खरीदारी का शुभ मुहूर्त
DESK : आज धनतेरस का पर पूरे हरसुल उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. धनतेरस का त्योहार दिवाली से 2 दिन पहले यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. ये त्योहार खुशहाली, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. धनतेरस को धन त्रयोदशी और धनवंती जयंती के नाम से भी जाना जाता है.
धनतेरस की पूजा संध्या काल में की जाती है यानी प्रदोष काल में. सूर्यास्त के बाद इस दिन उत्तर दिशा की तरफ आप एक चौकी रखें या लकड़ी का तख्त रखें. उसे पर कपड़ा बिछाए और उसके ऊपर कुबेर भगवान और धनवंती भगवान की मूर्ति की स्थापना करें. भगवान का चेहरा उत्तर की ओर होना चाहिए. दोनों के सामने एक-एक मुखी घी का दीपक जलाएं. एक दीपक कुबेर भगवान के लिए और एक दीपक धनवंती भगवान के लिए जलाएं. कुबेर देवता को सफेद मिठाई का भोग लगाये और धनवंती देवी धनवंती देव को पीली मिठाई का भोग लगाये. इसके बाद कुबेर देवता के मंत्र का जाप करें.
धन त्रयोदशी की तिथि 29 अक्टूबर यानी आज सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और तिथि का समापन 30 अक्टूबर यानी कल दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर होगा. प्रदोष काल आज शाम 5 बजकर 38 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा.
इस दिन मां लक्ष्मी के आगे घी का दिया जलाएं, ऐसा करने से आपके घर में धन और संपदा आती है. धनतेरस के शुभ दिन पर आप नए बर्तन या रसोई का सामान जरूर खरीदे. इससे आपके घर में सौभाग्य और स्मृति मिलती है. धनतेरस पर सोने या चांदी के आभूषण खरीदने से घर में संपन्नता आती है. अपने घर में सुख, समृद्धि को बनाए रखने के लिए यह उपाय जरूर करें.
धनतेरस के शुभ दिन पर आप नए बर्तन या रसोई का सामान जरूर खरीदे. इससे आपके घर में सौभाग्य और समृद्धि मिलती है. धनतेरस पर सोना और चांदी के बर्तन खरीद सकते हैं, लेकिन लोहा खरीदने से बचना चाहिए. धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए. साथ ही इस दिन घर की साफ सफाई करनी चाहिए .वहीं, धनतेरस के दिन किसी से न कर्ज लेना चाहिए और ना किसी को कर्ज देना चाहिए. इस दिन अशुद्ध स्थान पर पूजा नहीं करनी चाहिए और इसके साथ ही क्रोध और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहना चाहिए.
REPORT - KUMAR DEVANSHU