बिहार में भ्रष्टाचार पर विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई,रिश्वत लेते कर्मचारी रंगे हाथ गिरफ्तार,एक लाख 60 हजार में हुई थी डील
बिहार में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है।ऊपर से लेकर नीचे तक घूसखोरी करने वाले कर्मचारियों की कमी नहीं है।विजिलेंस की लगातार कार्रवाई के बावजूद, बेखौफ अफसर और कर्मचारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे। इसी कड़ी में ताज़ा मामला रोहतास जिले का है।मंगलवार, 16 सितंबर को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने बिक्रमगंज अनुमंडल कार्यालय में तैनात चपरासी विनोद कुमार ठाकुर को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार................

बिहार में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है।ऊपर से लेकर नीचे तक घूसखोरी करने वाले कर्मचारियों की कमी नहीं है।विजिलेंस की लगातार कार्रवाई के बावजूद, बेखौफ अफसर और कर्मचारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे। इसी कड़ी में ताज़ा मामला रोहतास जिले का है।मंगलवार, 16 सितंबर को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने बिक्रमगंज अनुमंडल कार्यालय में तैनात चपरासी विनोद कुमार ठाकुर को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
एक लाख 16 हजार रुपये घूस लेते हुए दबोचा
जानकारी के मुताबिक, पटना से आई विजिलेंस टीम ने सुबह अचानक छापा मारा और विनोद ठाकुर को एक लाख 16 हजार रुपये घूस लेते हुए दबोच लिया।
पूरे कार्यालय में इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया।बताया जाता है कि धनगांई गाँव के राकेश कुमार ठाकुर के ज़मीन विवाद को सुलझाने के लिए विनोद ने एक लाख 60 हज़ार रुपये की डील की थी।इसी में से पहली किस्त के रूप में 1.16 लाख रुपये लेते वक्त वह पकड़े गए।
निगरानी के डीएसपी नरेंद्र कुमार ने बताया ...
निगरानी के डीएसपी नरेंद्र कुमार ने बताया कि शिकायत के आधार पर जाल बिछाया गया था।पैसे के लेन-देन के दौरान ही आरोपी को गिरफ्तार किया गया।पूछताछ के बाद उसे पटना ले जाया जाएगा और निगरानी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।गौरतलब है कि पिछले 2–3 महीनों में रोहतास जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ यह सातवीं बड़ी कार्रवाई है। हाल ही में बेगूसराय और मधेपुरा में भी इसी तरह की छापेमारी हुई थी।लगातार विजिलेंस और सीबीआई की रेड से सरकारी महकमों में दहशत का माहौल है लेकिन इसके बावजूद घूसखोर कर्मचारी और अधिकारी मानने का नाम नहीं ले रहे। यानी, साफ है कि बिहार में भ्रष्टाचार की जड़ें अब भी गहरी हैं।