बिहार में शराबबंदी कानून बना मज़ाक, शराब से लदी स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर पलटी, भीड़ ने मिनटों में कर दिया साफ

बिहार सरकार भले ही शराबबंदी को पूर्ण रूप से लागू करने का दावा करती हो, लेकिन सिवान से आई ये तस्वीरें उस दावे की सच्चाई बयान करती हैं।सोमवार की शाम सिवान–मैरवा मुख्य मार्ग पर जमसिकरी गाँव के पास एक शराब से भरी स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर गड्ढे में जा गिरी।इसके बाद जो नज़ारा सामने आया, उसने शराबबंदी कानून और पुलिस व्यवस्था दोनों की कलई खोल..........

बिहार में शराबबंदी कानून बना मज़ाक, शराब से लदी स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर पलटी, भीड़ ने मिनटों में कर दिया साफ

बिहार सरकार भले ही शराबबंदी को पूर्ण रूप से लागू करने का दावा करती हो, लेकिन सिवान से आई ये तस्वीरें उस दावे की सच्चाई बयान करती हैं।सोमवार की शाम सिवान–मैरवा मुख्य मार्ग पर जमसिकरी गाँव के पास एक शराब से भरी स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर गड्ढे में जा गिरी।इसके बाद जो नज़ारा सामने आया, उसने शराबबंदी कानून और पुलिस व्यवस्था दोनों की कलई खोल दी।

खुलेआम शराब लूटना शुरू कर दिया
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गाड़ी गिरते ही गाँववाले और राहगीर जुट गए।जैसे ही लोगों को पता चला कि गाड़ी शराब से भरी है, माहौल अफरा-तफरी में बदल गया। भीड़ ने स्कॉर्पियो के शीशे तोड़े और खुलेआम शराब लूटना शुरू कर दिया।कोई बोतल बैग में भर रहा था, कोई सीधे साथी को थमा रहा था।कुछ तो बोरी और टोकरी लेकर शराब ढोते नज़र आए।

लूटपाट बेरोक-टोक चलती रही
करीब आधा घंटा तक यह लूटपाट बेरोक-टोक चलती रही, लेकिन पुलिस का कोई सिपाही वहाँ नहीं पहुँचा।इसी बीच गाड़ी का चालक मौके से फरार हो गया।
जब तक पुलिस पहुँची, तब तक स्कॉर्पियो पूरी तरह खाली हो चुकी थी। वहीं थाना प्रभारी अशोक कुमार दास का कहना है कि पुलिस को सूचना देर से मिली।गाड़ी जब्त कर ली गई है और मामले की जाँच शुरू कर दी गई है।

अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी
गौरतलब है कि बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है।सरकार लगातार दावा करती रही है कि कानून सख़्ती से लागू है लेकिन सिवान की ये घटना दिखाती है कि शराब अब भी बड़े पैमाने पर तस्करी होकर राज्य में पहुँच रही है।अब सवाल यह है कि इतनी बड़ी खेप जिले में घूमती रही और पुलिस को भनक तक क्यों नहीं लगी? क्या बिना मिलीभगत के इतनी भारी मात्रा में शराब की ढुलाई संभव है?

स्थानीय लोगों का आरोप...
वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस की नज़र बचाकर इतनी बड़ी खेप आ ही नहीं सकती।अक्सर शराब पकड़े जाने की ख़बरें आती हैं, लेकिन इस बार की घटना अलग है। यहाँ कानून और प्रशासन दोनों मज़ाक बनकर रह गए।लोग बेखौफ होकर शराब लूटते रहे,उन्हें न तो कानून का भय था और न ही प्रशासन का।यह नज़ारा इस बात का गवाह है कि शराबबंदी अब जनता की नज़रों में मज़ाक बन चुकी है।