सुपौल में युवा JDU नेता के घर EOU की बड़ी छापेमारी, सिम बॉक्स और नोट गिनने की मिली मशीन, साइबर फ्रॉड से जुड़ सकते हैं तार!

बिहार के सुपौल जिले के करजाईन थाना क्षेत्र स्थित गोसपुर गांव में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने हड़कंप मचा दिया है। रविवार को लगभग 16 घंटे तक चली इस छापेमारी में कई संदिग्ध इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दस्तावेज और कैश जब्त किए गए। यह कार्रवाई 27 वर्षीय हर्षित कुमार के घर पर हुई, जो हाल ही में युवा जनता दल (यूनाइटेड) का प्रदेश सचिव नियुक्त हुआ था। हर्षित, करीब 3-4 वर्षों से गांव में रहकर रियल-एस्टेट का व्यवसाय कर रहा था। पुलिस की इस कार्रवाई और जेडीयू नेता के साइबर कनेक्शन को लेकर न सिर्फ सुपौल बल्कि पटना....

सुपौल में युवा JDU नेता के घर EOU की बड़ी छापेमारी, सिम बॉक्स और नोट गिनने की मिली मशीन, साइबर फ्रॉड से जुड़ सकते हैं तार!

बिहार के सुपौल जिले के करजाईन थाना क्षेत्र स्थित गोसपुर गांव में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने हड़कंप मचा दिया है। रविवार को लगभग 16 घंटे तक चली इस छापेमारी में कई संदिग्ध इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दस्तावेज और कैश जब्त किए गए। यह कार्रवाई 27 वर्षीय हर्षित कुमार के घर पर हुई, जो हाल ही में युवा जनता दल (यूनाइटेड) का प्रदेश सचिव नियुक्त हुआ था। हर्षित, करीब 3-4 वर्षों से गांव में रहकर रियल-एस्टेट का व्यवसाय कर रहा था। पुलिस की इस कार्रवाई और जेडीयू नेता के साइबर कनेक्शन को लेकर न सिर्फ सुपौल बल्कि पटना में हलचल तेज हो गयी।

 इस मामले में ईओयू की टीम जांच कर रही है
बताया जा रहा है कि हर्षित के ठिकाने से कई सिम कार्ड, एक लैपटॉप, संदिग्ध दस्तावेज और एक सिम बॉक्स मिला है। वहीं मौके से नोट गिनने वाली और कैश भी बरामद होने की भी खबर सामने आ रही है हालांकि सुपौल पुलिस ने बरामदगी को लेकर कुछ आधिकारिक पुष्टि नहीं की है  लेकिन, बताया जा रहा है कि हर्षित किसी बड़े साइबर अपराध को अंजाम देने की योजना बना रहा था। फिलहाल इस मामले में ईओयू की टीम जांच कर रही है।

यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक साजिश का हिस्सा
हर्षित के पिता विकास कुमार मिश्र का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक साजिश का हिस्सा हो सकती है। छापेमारी के दौरान हर्षित को उनके आवास से हिरासत में लिया गया और उनके लैपटॉप, मशीन, व संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पटना से आई आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने जब हर्षित के घर पर छापेमारी शुरू की, तो उनके पास से लैपटॉप, संदिग्ध दस्तावेज, मशीनें और एक ‘सिम बॉक्स’ बरामद किया गया।

 7 करोड़ की संदिग्ध रकम!
बता दें कि पुलिस को शक है कि यह सिम बॉक्स साइबर फ्रॉड में ओटीपी जनरेशन और वेरिफिकेशन के लिए उपयोग होता था। इसके अलावा, मीडिया सूत्रों की माने तो हर्षित कुमार के एक बैंक खाते में लगभग 7 करोड़ रुपये की संदिग्ध लेनदेन की जानकारी भी मिली है।।बताया जा रहा है कि वह खाता पहले ही फ्रीज़ किया जा चुका था।वहीं इस बात से संकेत मिलते हैं कि मामला सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि बड़े साइबर रैकेट से जुड़ा हो सकता है।इस पूरे घटनाक्रम से न सिर्फ सुपौल, बल्कि पटना के राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है। ईओयू (EOU) की टीम अभी भी पूरे मामले की डिजिटल फॉरेंसिक जांच और बैंकिंग ट्रेल पर काम कर रही है।