बिहार विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू, वोटर रिवीजन और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर भारी हंगामे के आसार
बिहार विधानसभा का मानसून सत्र आज यानी सोमवार (21 जुलाई) से शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार के कार्यकाल का यह आखिरी विधानसभा सत्र होगा। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह सत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है।जानकारी के मुताबिक, इस सत्र में कुल पांच बैठकें होंगी। इसमें प्रश्न, वित्तीय कार्य, गैर सरकारी संकल्प सहित अन्य महत्वपूर्ण विधायी.....

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र आज यानी सोमवार (21 जुलाई) से शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार के कार्यकाल का यह आखिरी विधानसभा सत्र होगा। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह सत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है।जानकारी के मुताबिक, इस सत्र में कुल पांच बैठकें होंगी। इसमें प्रश्न, वित्तीय कार्य, गैर सरकारी संकल्प सहित अन्य महत्वपूर्ण विधायी कार्य संपन्न होंगे।
भारी हंगामे के आसार
जानकारी के अनुसार, नीतीश सरकार इस मॉनसून सत्र में दर्जनभर विधेयक लाएगी। इनमें चार मूल जबकि आठ संशोधन विधेयक हैं। सरकार इन सभी बिलों को बिहार विधानसभा तथा बिहार विधान परिषद से पारित कराकर शीघ्र ही कानून की शक्ल में लागू करने की योजना बना रही है। वहीं वोटर रिवीजन और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर भारी हंगामे के आसार हैं।विपक्ष की ओर से इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की जा चुकी है।
पेश किया जाएगा सप्लीमेंट्री बजट
बता दें कि सत्र के पहले दिन राज्य सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के लिए सप्लीमेंट्री बजट पेश किया जाएगा। इसके साथ राज्यपाल द्वारा स्वीकृत क्रयादेशों और विभिन्न समितियों की रिपोर्टें सदन के पटल पर रखी जाएंगी।विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार 22 और 23 जुलाई को राजकीय विधेयक पेश किए जाएंगे और अलग-अलग राजकीय कार्य होंगे। 24 जुलाई को अनुपूरक बजट पर चर्चा और मतदान के बाद विनियोग विधेयक पेश किया जाएगा।अंतिम दिन 25 जुलाई को गैर सरकारी संकल्पों पर चर्चा होगी। बिहार विधान परिषद में भी चालू वित्तीय वर्ष के लिए सप्लीमेंट्री बजट पेश किया जाएगा। पांच दिनों के सत्र में विधायक और पार्षदों के सवालों के जवाब भी सरकार के मंत्रियों की ओर से दिए जाएंगे।
तेजप्रताप और तेजस्वी का आमना- सामना
वहीं राजद से निष्कासित किए जाने के बाद तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव का पहली बार आमना-सामना होगा। तेज प्रताप यादव के प्रेम-प्रसंग को लेकर लालू यादव ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इतना ही नहीं तेज प्रताप को परिवार से भी निष्कासित कर दिया गया है हालांकि, राजद से तेज प्रताप को निष्कासित किए जाने की सूचना अभी तक विधानसभा अध्यक्ष को नहीं दी गई है लिहाजा, विधानसभा में उनके बैठने की जगह में कोई परिवर्तन नहीं देखने