गोपालगंज में बेकाबू ट्रक ने कार को मारी टक्कर, SC के वकील की मौत, पत्नी-ड्राइवर की हालत गंभीर
बिहार में बढ़ते सड़क हादसे एक बड़ी समस्या बन चुके हैं। जब तक सरकार, प्रशासन और आम जनता मिलकर इस पर ध्यान नहीं देंगे, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। इसी कड़ी में ताजा मामला गोपालगंज की है। जहां देर रात एक भयानक सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक बेकाबू ट्रक ने कार को टक्कर मार दी। इस दर्दनाक घटना में सुप्रीम...

बिहार में बढ़ते सड़क हादसे एक बड़ी समस्या बन चुके हैं। जब तक सरकार, प्रशासन और आम जनता मिलकर इस पर ध्यान नहीं देंगे, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। इसी कड़ी में ताजा मामला गोपालगंज की है। जहां देर रात एक भयानक सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक बेकाबू ट्रक ने कार को टक्कर मार दी। इस दर्दनाक घटना में सुप्रीम कोर्ट के चर्चित वकील पवन प्रकाश पाठक की मौत हो गई। हादसे में वकील पवन प्रकाश की पत्नी और ड्राइवर की हालत गंभीर है। घटना जादोपुर थाना क्षेत्र के मंगलपुर पुल के पास की है।
ने पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा
जानकारी के लिए बता दें कि 2023 में छपरा में जहरीली शराब से हुई 40 लोगों की मौत के मामले में पवन प्रकाश एनजीओ आर्यावर्त महासभा फाउंडेशन की ओर से केस लड़ रहे थे।वहीं 2020 में पवन प्रकाश पाठक ने पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था, जिसमें पटना के जानेमाने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत केस की जांच की CBI मांग की थी।
किराए की कार से अपनी पत्नी के साथ गोरखपुर जा रहे थे
पवन प्रकाश पाठक (32) मूल रूप से यूपी के आजमगढ़ कस्बा सगरी के रहने वाले थे और बेतिया में अपने ससुराल आए थे। यहां से वे किराए की कार से अपनी पत्नी के साथ गोरखपुर जा रहे थे। गोरखपुर से उन्हें बस से दिल्ली जाना था। वकील की पत्नी का नाम ऋचा शांडिल्य और कार के ड्राइवर का अखिलेश सिंह। दोनों को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है। पवन प्रकाश पाठक की शादी 2 महीने पहले बेतिया की ऋचा शांडिल्य (30) से हुई थी। गुरुवार को दोंगे की रस्म पूरी करने के बाद वे किराए की कार से गोरखपुर जा रहे थे। ऋचा शांडिल्य भी सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं।
कड़े कदम उठाने की जरूरत है
दरअसल यह हादसा सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि पूरे बिहार में हो रहे लगातार सड़क दुर्घटनाओं की एक कड़ी है। आए दिन हो रहे इन एक्सीडेंट्स ने लोगों को डरा दिया है और यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर सड़क सुरक्षा के लिए प्रशासन कब जागेगा? बार-बार हो रही इन घटनाओं के बावजूद प्रशासन की सुस्ती चिंता का विषय है। सरकार और ट्रैफिक विभाग को तुरंत कड़े कदम उठाने की जरूरत है, जिससे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।