रीतलाल यादव की चार सप्ताह की रिहाई की मांग, राज्य सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब,अगली सुनवाई 30 अक्टूबर

दानापुर से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक रीतलाल यादव की विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए अस्थायी रिहाई की याचिका पर पटना हाई कोर्ट में शुक्रवार को अहम सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा की एकलपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह मामले में विस्तृत जवाबी हलफनामा दाखिल करे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।रीतलाल यादव फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और उन्होंने एक आपराधिक रिट याचिका के माध्यम....

रीतलाल यादव की चार सप्ताह की रिहाई की मांग, राज्य सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब,अगली सुनवाई 30 अक्टूबर

दानापुर से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक रीतलाल यादव की विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए अस्थायी रिहाई की याचिका पर पटना हाई कोर्ट में शुक्रवार को अहम सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा की एकलपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह मामले में विस्तृत जवाबी हलफनामा दाखिल करे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।रीतलाल यादव फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और उन्होंने एक आपराधिक रिट याचिका के माध्यम से चार सप्ताह के लिए जेल से अस्थायी रिहाई की मांग की है, जिससे वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर सकें।

अरविंद केजरीवाल के मामले का उदाहरण
विधायक यादव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने अदालत से आग्रह किया कि यह एक असाधारण मामला है और उम्मीदवार के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायालय को हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने इस संदर्भ में कई अदालती नजीरों का हवाला दिया और कहा कि अदालतों को सीमित अवधि के लिए रिहाई देने का अधिकार है।वर्मा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मामले का भी उदाहरण पेश किया।

अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी
वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता पी.के. शाही ने याचिका की वैधता पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि अस्थायी रिहाई की मांग नियमित जमानत प्रक्रिया के तहत की जानी चाहिए, न कि रिट याचिका के माध्यम से।शाही ने यह भी आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता ने अपने आपराधिक इतिहास की पूरी जानकारी अदालत से छिपाई है, जिससे याचिका की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में आती है।बता दें कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी, जिसमें राज्य सरकार के जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।