गया में भाजपा प्रचार वाहन पर हमला, मोदी पोस्टर फाड़ने की कोशिश

बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। सभी राजनीतिक दल तैयारी में जुट गए हैं। इसी बीच गया जिले से रविवार देर शाम चौंकाने वाली खबर आई। भाजपा का प्रचार रथ असामाजिक तत्वों के निशाने पर आ गया। हमलावरों ने चालक से अभद्रता की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर तक फाड़ने की कोशिश की। घटना के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। भाजपा नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए सख्त कार्रवाई की.....

गया में भाजपा प्रचार वाहन पर हमला, मोदी पोस्टर फाड़ने की कोशिश

बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। सभी राजनीतिक दल तैयारी में जुट गए हैं। इसी बीच गया जिले से रविवार देर शाम चौंकाने वाली खबर आई। भाजपा का प्रचार रथ असामाजिक तत्वों के निशाने पर आ गया। हमलावरों ने चालक से अभद्रता की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर तक फाड़ने की कोशिश की। घटना के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। भाजपा नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

कैसे हुआ हमला?
सूत्रों के मुताबिक भाजपा का प्रचार वाहन गांवों में कार्यक्रम समाप्त कर लौट रहा था। तभी पहाड़पुर रेलवे फाटक के पास दो बाइक पर सवार चार युवक आए और वाहन को रोक लिया। उन्होंने पहले चालक से झगड़ा किया और फिर विरोध करने पर प्रचार रथ पर लगे पोस्टरों को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की। अचानक हुई इस घटना से इलाके में अफरा-तफरी मच गई।सूचना पाकर फतेहपुर थाना पुलिस मौके पर पहुँची। थानाध्यक्ष मोहन कुमार ने बताया कि जब तक पुलिस पहुंची, वाहन वहां से निकल चुका था। अब तक किसी भी पक्ष ने लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन पुलिस का कहना है कि शिकायत मिलते ही मामले की जांच आगे बढ़ाई जाएगी।

भाजपा का आरोप – राजद समर्थक शामिल
घटना के बाद भाजपा नेताओं ने विरोधियों पर निशाना साधा। भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि इस हमले के पीछे राजद समर्थकों का हाथ हो सकता है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि ऐसी घटनाओं पर तुरंत और सख्त कार्रवाई हो, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया बाधित न हो।स्थानीय ग्रामीणों ने इस वारदात की निंदा करते हुए कहा कि चुनावी माहौल बिगाड़ने की यह सोची-समझी साजिश है। लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं गांवों में डर का वातावरण पैदा कर रही हैं। ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन से हमलावरों की जल्द पहचान कर गिरफ्तारी की मांग की है।

पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
गया जिले में चुनावी हिंसा की यह पहली वारदात नहीं है। पिछले साल उपचुनाव के दौरान इमामगंज थाना क्षेत्र में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रचार वाहन को भी निशाना बनाया गया था। वहीं हाल ही में एनडीए समर्थक के घर पर फायरिंग की घटना भी सामने आई थी।इस हमले ने जिले की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा इंतज़ामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चुनावी मौसम में बढ़ती ऐसी घटनाएँ यह संकेत दे रही हैं कि राजनीतिक टकराव आने वाले दिनों में और तेज हो सकता है।