पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के गोडारी आगमन से बढ़ी चुनावी हलचल, निर्दलीय चुनाव लड़ने की अटकलें तेज

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज है और इस बीच भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के अचानक काराकाट विधानसभा क्षेत्र के गोडारी पहुंचने से राजनीतिक सरगर्मियाँ और भी बढ़ गई हैं। देर रात उनके आगमन को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।हालांकि, ज्योति सिंह का आगमन पूर्व मुखिया अरुण प्रसाद की माता के निधन पर संवेदना व्यक्त करने के लिए था। उन्होंने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की....

पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के गोडारी आगमन से बढ़ी चुनावी हलचल, निर्दलीय चुनाव लड़ने की अटकलें तेज

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज है और इस बीच भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के अचानक काराकाट विधानसभा क्षेत्र के गोडारी पहुंचने से राजनीतिक सरगर्मियाँ और भी बढ़ गई हैं। देर रात उनके आगमन को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।हालांकि, ज्योति सिंह का आगमन पूर्व मुखिया अरुण प्रसाद की माता के निधन पर संवेदना व्यक्त करने के लिए था। उन्होंने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की लेकिन क्षेत्र में चल रही चुनावी गतिविधियों के बीच, उनके इस दौरे ने राजनीतिक चर्चाओं को हवा दे दी है। फिलहाल बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया जारी है, और ऐसे समय में ज्योति सिंह की उपस्थिति ने इस बात को बल दिया है कि वे काराकाट से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं।

क्या निर्दलीय उतरेंगी ज्योति सिंह?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि काराकाट सीट पर प्रमुख दलों ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है, जबकि प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी भी अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। ऐसे में अगर ज्योति सिंह चुनाव लड़ती हैं, तो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उनके सामने आने की संभावना प्रबल है।गोडारी में मौजूद सैकड़ों समर्थकों ने उनसे चुनाव लड़ने की अपील की। इस पर उन्होंने फिलहाल कोई स्पष्ट बयान देने से इनकार करते हुए कहा कि वे शोक संवेदना के लिए आई हैं, और चुनाव को लेकर कोई निर्णय अभी नहीं लिया गया है।

चुनावी समीकरणों पर प्रभाव?
वहीं राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो ज्योति सिंह यदि चुनाव लड़ती हैं, तो यह न केवल काराकाट के राजनीतिक समीकरण को बदल सकता है, बल्कि पवन सिंह के पहले से चर्चा में रहे निर्दलीय प्रयासों को भी नया मोड़ दे सकता है।