PMCH स्ट्राइक: मरीज बेहाल, JDA ने सरकार को दी चेतावनी,इन डिमांड्स पर अड़े
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ने स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा दी है। OPD सेवाएं बंद रहने से दूर-दराज से इलाज कराने आए मरीज और उनके परिजन परेशान हो गए हैं। हड़ताल को 24 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।मंगलवार को जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JDA) की पांच सदस्यीय टीम ने स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात की। घंटों चली बैठक के बावजूद कोई निष्कर्ष नहीं निकला और........

पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ने स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा दी है। OPD सेवाएं बंद रहने से दूर-दराज से इलाज कराने आए मरीज और उनके परिजन परेशान हो गए हैं। हड़ताल को 24 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।मंगलवार को जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JDA) की पांच सदस्यीय टीम ने स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात की। घंटों चली बैठक के बावजूद कोई निष्कर्ष नहीं निकला और वार्ता विफल रही।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की मांग
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की मांग है कि सरकार उनकी 6 मांगों पर जल्द ही विचार विमर्श कर अमल में लाए। हालांकि, घंटों चली बैठक के बाद भी कोई निष्कर्ष सामने नहीं आया और वार्ता विफल साबित हुई।हड़ताल से अस्पताल की OPD सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं। इलाज के लिए आए मरीज और उनके परिजन इधर-उधर भटकते रहे। निराशा और हताशा उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी। इलाज के लिए डॉक्टरों के नहीं मिलने से निराशा साफ तौर से देखी जा रही हैं।जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JDA) लगातार अपने मांगों पर अड़ा है।
अगला कदम काफी कठोर होगा
वहीं JDA के अध्यक्ष सत्यम कुमार ने बताया कि, मांगे पूरी होने तक PMCH की आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी गैर आपातकालीन सेवाएं बाधित रहेगी। सत्यम कुमार ने बताया कि, यदि सरकार उदासीन बनी रहती है तो अगला कदम काफी कठोर होगा। आने वाले दिनों मे आपातकालीन सेवाओं में भी कार्य बहिष्कार किया जाएगा।डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें 14 दिनों में पूरी नहीं हुईं, तो वे आपातकालीन सेवाएं भी बंद कर सकते हैं, जिससे हालात और खराब हो सकते हैं। फिलहाल सरकार की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
जूनियर डॉक्टरों की मुख्य मांगों में शामिल
वहीं पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों की मुख्य मांगों में शामिल हैं बॉन्ड अवधि कम करना, ताकि उन्हें लंबे समय तक सिर्फ एक ही जगह काम करने के लिए बांधा ना जाए, जुर्माना राशि 10 लाख रुपए तक सीमित करना, ताकि किसी गलती या देरी पर अत्यधिक जुर्माना न लगे, साथ ही मानदेय का नियमित भुगतान और काम करने की बेहतर परिस्थितियां सुनिश्चित करना। डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि जब तक ये मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपनी हड़ताल जारी रखेंगे और जरूरत पड़ने पर आपातकालीन सेवाएं भी बंद कर सकते हैं।