हिजाब विवाद पर मांझी का बड़ा बयान, सीएम नीतीश की मंशा पर उठे सवालों को बताया गलत-कहा-समाज में द्वेष फैलाना चाहते हैं
बिहार में हिजाब को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव करते हुए उन पर सवाल उठाने वालों को कड़ा जवाब दिया है। गया जी में मीडिया से बातचीत के दौरान जीतनराम मांझी ने कहा,अगर यह हरकत किसी 22 साल के लड़के ने की होती, तो बात समझ में आती। उसने बिना सोचे-समझे, शायद गलत इंटेंशन से ऐसा किया होगा लेकिन 74 साल का व्यक्ति अगर.....
बिहार में हिजाब को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव करते हुए उन पर सवाल उठाने वालों को कड़ा जवाब दिया है। गया जी में मीडिया से बातचीत के दौरान जीतनराम मांझी ने कहा,अगर यह हरकत किसी 22 साल के लड़के ने की होती, तो बात समझ में आती। उसने बिना सोचे-समझे, शायद गलत इंटेंशन से ऐसा किया होगा लेकिन 74 साल का व्यक्ति अगर ऐसा करता है, तो उसे अभिभावक की नजर से देखना चाहिए।
उन्होंने आगे तर्क देते हुए कहा कि संबंधित महिला डॉक्टर आयुष विभाग में नियुक्ति के लिए आई थीं और उन्होंने हिजाब पहन रखा था। एक अभिभावक के तौर पर यदि किसी ने टोका है, तो इसमें गलत क्या है? जब डॉक्टर मरीजों के सामने जाएंगी, तो उनकी पेशेवर छवि भी महत्वपूर्ण होती है। मांझी ने कहा। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोई गलत मंशा नहीं थी।उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से तूल देने वाले लोग वही हैं जो समाज में द्वेष फैलाने का काम करते हैं।
झारखंड बीजेपी विधायक सीपी सिंह का बयान
वहीं इस मामले पर झारखंड बीजेपी के विधायक सीपी सिंह ने भी एक टीवी चैनल से बातचीत में नीतीश कुमार का समर्थन किया।उन्होंने कहा,मुख्यमंत्री ने किसी गलत भावना से महिला डॉक्टर का हिजाब नहीं हटाया। वे उसे बेटी की तरह देख रहे थे।सीपी सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने इस मुद्दे को इतना बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया कि मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया।उन्होंने मांग की कि महिला डॉक्टर की पृष्ठभूमि की जांच की जानी चाहिए—उनकी शिक्षा, प्रशिक्षण और अन्य पहलुओं की पुष्टि होनी चाहिए।
पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए
उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके। मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि नुसरत की पूरी जन्मकुंडली निकालिए और देखिए कि वाकई में ये डॉक्टर भी है या नहीं।बांग्लादेश, यूक्रेन से पढ़कर आई है, या इंडिया में पढ़ी है। ये जांच में ही पता चलेगा, क्योंकि जिस प्रकार यूपी से लेकर अल-फलाह यूनिवर्सिटी का तार जुड़ा है। हो सकता है कि ऐसे लोगों का तार इससे भी जुड़ा हुआ हो।













