सुपौल: SC-ST Act को लेकर प्रशासन सख्त, DM सावन कुमार ने दिए कड़े निर्देश

सुपौल-अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है।इसी क्रम में शनिवार को जिलाधिकारी सावन कुमार की अध्यक्षता में जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की महत्वपूर्ण बैठक डीएम के कार्यालय वेश्म में आयोजित की गई।बैठक में पुलिस अधीक्षक शरथ आरएस, उप विकास आयुक्त सारा असरफ, अपर समाहर्त्ता सचिदानंद सुमन, असैनिक शल्य.....

सुपौल: SC-ST Act को लेकर प्रशासन सख्त, DM सावन कुमार ने दिए कड़े निर्देश

सुपौल-अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है।इसी क्रम में शनिवार को जिलाधिकारी सावन कुमार की अध्यक्षता में जिला सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की महत्वपूर्ण बैठक डीएम के कार्यालय वेश्म में आयोजित की गई।बैठक में पुलिस अधीक्षक शरथ आरएस, उप विकास आयुक्त सारा असरफ, अपर समाहर्त्ता सचिदानंद सुमन, असैनिक शल्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ललन ठाकुर, डीडब्ल्यूओ राम कृपाल सहित समिति के अन्य मनोनीत सदस्य उपस्थित रहे। 

 पीड़ितों को समय पर मुआवजा देने का निर्देश 
बैठक में जिलाधिकारी ने जिला कल्याण पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया कि अत्याचार पीड़ितों को ससमय मुआवजा एवं अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाए साथ ही पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रस्तुत सभी मुआवजा प्रस्तावों की समीक्षा के उपरांत समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई।जिससे पीड़ित परिवारों को शीघ्र राहत मिल सके। वहीं अध्यक्ष ने विशेष लोक अभियोजक को निर्देशित किया कि न्यायालय में गवाही देने वाले गवाहों को यात्रा भत्ता एवं दैनिक भत्ता का भुगतान समय पर हो, इसके लिए गवाहों की सूची बैंक पासबुक, आधार संख्या एवं गवाही की तिथि सहित जिला कल्याण पदाधिकारी को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए।

पीड़ित परिवारों को आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा मिल सके
समय पर दाखिल हो चार्जशीट बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि हत्या के मामलों में आरोप गठन के उपरांत नियमानुसार नियोजन की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ताकि पीड़ित परिवारों को आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा मिल सके। जिलाधिकारी ने लंबित मामलों की समीक्षा करते हुए पुलिस अधीक्षक से आग्रह किया कि वे संबंधित थानाध्यक्षों को अपने स्तर से निर्देश दें।ताकि समय पर अंतिम आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल हो सके और मामलों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित किया जा सके।इतना ही नहीं अध्यक्ष द्वारा सभी उपस्थित सदस्यों से अपने-अपने क्षेत्र में अनु० जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण के तहत मिलने वाली लाभ के बारे में प्रचार-प्रसार करने का आग्रह किया गया।