ऑपरेशन सिंदूर' को स्कूल सिलेबस में शामिल करने की मांग, बिहार में जदयू-भाजपा ने भी उठाई यह मांग
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना के पराक्रम की चर्चा देश और दुनिया में हो रही है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' से पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए देशवासियों का दिल जीत लिया है। इस अभियान में सेना की बहादुरी और रणनीतिक सफलता की पूरे देश और दुनिया में चर्चा हो रही है। वहीं सेना की बहादुरी से प्रभावित...

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना के पराक्रम की चर्चा देश और दुनिया में हो रही है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' से पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए देशवासियों का दिल जीत लिया है। इस अभियान में सेना की बहादुरी और रणनीतिक सफलता की पूरे देश और दुनिया में चर्चा हो रही है। वहीं सेना की बहादुरी से प्रभावित होकर उत्तराखंड के मदरसा बोर्ड ने तय किया है कि उत्तराखंड के मदरसों में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पढ़ाया जाएगा।
स्कूल के सिलेबस में शामिल करने की मांग
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने अपने पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल करने का जैसे ही ऐलान किया अब बिहार में भी सेना के इस पराक्रम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को स्कूल के सिलेबस में शामिल करने की मांग उठ रही है। बिहार सरकार के कई मंत्री और विधायक चाहते हैं कि बिहार के स्कूलों, मदरसों और संस्कृत पाठशालाओं में भी ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए।
यह एक स्वागतयोग्य फैसला होगा-नीरज कुमार
बता दें कि बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सदा ने उत्तराखंड की तरह बिहार में भी यह विषय पढ़ाए जाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि देश के बच्चों को सेना की बहादुरी की जानकारी मिलनी चाहिए, ताकि वे भी गौरवान्वित महसूस करें और प्रेरित हों। जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने उत्तराखंड के निर्णय को सराहते हुए कहा कि अगर बिहार सरकार भी इस दिशा में कदम उठाती है, तो यह एक स्वागतयोग्य फैसला होगा।
सेना के पराक्रम पर राजनीति करना उचित नहीं-नीरज कुमार
नीरज कुमार ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि सेना के पराक्रम पर राजनीति करना उचित नहीं है। बिहार सरकार के एक अन्य मंत्री, नीरज कुमार बबलू ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को न सिर्फ मदरसों, बल्कि स्कूलों और संस्कृत विद्यालयों के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाना चाहिए। इससे प्रत्येक बच्चे को भारतीय सेना की वीरता के बारे में पता चलेगा और उनमें देशभक्ति की भावना मजबूत होगी।