बिहार में ई-वोटिंग की ऐतिहासिक शुरुआत,अब स्मार्टफोन से डाल सकेंगे वोट
बिहार ने देश में एक नया इतिहास रच दिया है। यह भारत का पहला राज्य बन गया है, जहां मोबाइल फोन के जरिए वोटिंग (ई-वोटिंग) की सुविधा शुरू की गई है। राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) की यह पहल न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से क्रांतिकारी है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य मतदान प्रतिशत को बढ़ाना और वोटिंग को ज्यादा समावेशी बनाना है। इस नई प्रणाली के तहत बिहार के 50,000 से ज्यादा रजिस्टर्ड वोटर्स, जो बिहार से बाहर—दिल्ली, मुंबई, कोलकाता या विदेश में हैं—या फिर असमर्थ हैं..

बिहार ने देश में एक नया इतिहास रच दिया है। यह भारत का पहला राज्य बन गया है, जहां मोबाइल फोन के जरिए वोटिंग (ई-वोटिंग) की सुविधा शुरू की गई है। राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) की यह पहल न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से क्रांतिकारी है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य मतदान प्रतिशत को बढ़ाना और वोटिंग को ज्यादा समावेशी बनाना है। इस नई प्रणाली के तहत बिहार के 50,000 से ज्यादा रजिस्टर्ड वोटर्स, जो बिहार से बाहर—दिल्ली, मुंबई, कोलकाता या विदेश में हैं—या फिर असमर्थ हैं (जैसे दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिलाएं), वे अपने स्मार्टफोन के जरिए घर बैठे वोटिंग कर रहे हैं।
किन इलाकों में हो रही है ई-वोटिंग
बता दें कि ई-वोटिंग के लिए जरूरी है कि मतदाता पहले से रजिस्ट्रेशन कराएं। इसके बाद वे SECBHR या SECBIHAR नामक आधिकारिक ऐप डाउनलोड करके ओटीपी के जरिए लॉगिन करते हैं और तय समय सीमा में अपने मत का प्रयोग कर सकते हैं। ई-वोटिंग की शुरुआत नगरपालिका उपचुनाव 2025 के तहत पटना, रोहतास और पूर्वी चंपारण जिलों की 6 नगर पंचायतों में हुई है। इन क्षेत्रों में मुख्य पार्षद, उपमुख्य पार्षद और वार्ड पार्षद पदों के लिए मतदान हो रहा है। इन चुनावों में कुल 570 उम्मीदवार मैदान में हैं।
कितने वोटर्स कर रहे हैं ई-वोट?
बिहार में अब तक 51,000 से अधिक मतदाताओं ने ई-वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें 26,000 पुरुष और 25,000 महिलाएं शामिल हैं। प्रत्येक मोबाइल नंबर से अधिकतम दो वोटर—जैसे पति-पत्नी—वोट डाल सकते हैं।चुनाव आयोग ने वोटर्स को सलाह दी है कि वे उसी मोबाइल का उपयोग करें जिससे उन्होंने रजिस्ट्रेशन किया है, और ओटीपी जैसी जानकारियां किसी के साथ साझा न करें।
सुरक्षा और पारदर्शिता पर जोर
राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने बताया कि आयोग का उद्देश्य एक स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और सुलभ मतदान प्रणाली प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि ई-वोटिंग एक ऐच्छिक सुविधा है और जो मतदाता चाहें, वे इसका उपयोग कर सकते हैं। आयोग ने हेल्पलाइन भी जारी की है, ताकि किसी भी तरह की तकनीकी या सुरक्षा समस्या पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।