के के पाठक का शिक्षा सेवक पर नया फरमान, स्कूलों में अगर 90 प्रतिशत से कम मि‍ले बच्चे तो होगा एक्शन, मानदेय में होगी कटौती

के के पाठक का शिक्षा सेवक पर नया फरमान, स्कूलों में अगर 90 प्रतिशत से कम मि‍ले बच्चे तो होगा एक्शन, मानदेय में होगी कटौती

पटना डेस्क : बिहार में शिक्षा विभाग को सुचारू रूप से चलाने की मुहिम को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने ठान लिया है. इसको लेकर आए दिन वह कुछ ना कुछ नए फरमान शिक्षा विभाग में जारी कर रहे हैं. के के पाठक कहीं भी औचक निरीक्षण के लिए निकल जाते हैं और जो भी दोषी शिक्षक उनको दिखते हैं. उन पर कड़ी कार्रवाई भी करते हैं. राज्य भर में उनके एक्शन से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है.

 

एक बार फिर के के पाठक ने राज्य सरकार के टोला सेवक या शिक्षा सेवक पर सख्ती बरती है. के के पाठक ने यह आदेश दिया है कि, राज्य में स्कूलों में तय परसेंटेज से कम बच्चे मिले तो उनके वेतन में कटौती की जाएगी. के के पाठक ने साफतौर पर के आदेश दिया है कि, जिस टोले से विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 90 प्रतिशत से कम रहेगी, उन टोला सेवकों या शिक्षा सेवकों के मानदेय में कटौती की जाएगी. जिसके बाद शिक्षा सेवक सक्रिय हो गए हैं. 

दरअसल, टोला सेवक की नियुक्ति दलित परिवार के बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य की गई थी. अभिभावकों को जागरूक करते हुए बच्चों के पढ़ाने के लिए स्कूलों में नामांकन कराने की जिम्मेदारी टोला सेवकों को दी गई थी. इसके बदले उन्हें प्रतिमाह 12 हजार रुपए मानदेय दिया जा रहा था.

टोला सेवक पर विभागीय स्तर पर भी कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता था. नियोजन के तहत वेतन तो लेते थे, लेकिन कार्य के नाम पर जमीनी स्तर पर कुछ भी नजर नहीं आता था. अब व्यवस्था को दुरुस्त करने की मुहिम में इन लोगों को भी अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन का निर्देश प्राप्त हुआ है.

रिपोर्ट : कुमार कौशिक